Tag: श्यामल सुमन की कविताएँ
‘ मुसाफिर ‘ शब्द को केन्द्र में रखकर 105 मुक्तक – कवि श्यामल...
- श्यामल सुमन -
- मुक्तक -
जीवन है श्रृंगार मुसाफिर
जीवन पथ अंगार मुसाफिर,
खाते कितने खार मुसाफिर
जीवटता संग होश जोश तो,
बाँटो सबको प्यार मुसाफिर ...
श्यामल सुमन की गज़लें
1. आखिरी में सुमन तुझको रोना ही है
तेरी पलकों के नीचे ही घर हो मेरा
घूमना तेरे दिल में नगर हो मेरा
बन लटें खेलना तेरे...
श्यामल सुमन की कविताएँ
श्यामल सुमन की कविताएँ1.इक बहाना चाहिए
प्यार मुमकिन है सभी से इक बहाना चाहिए
और समय पर आईना खुद को दिखाना चाहिए
जिन्दगी की राह में बेखौफ...