Tag: लेखिका जगत
जुही झा की पांच कविताएँ
जुही झा की पांच कविताएँ1.वो वीर जो रह गये अनाम
खुशियाँ और दर्द में जब हुई टकरार
चुनना था एक रास्ता उस वीर को,
जिसमें,
एक में था...
वीणा पाण्डेय की पाँच कविताएँ
वीणा पाण्डेय की पाँच कविताएँ 1.वसुंधरा
सच है
एक सर्वविदित सच
कि आसमां झुकता है
वसुंधरा की आेर।जानता है कि
सामर्थवान नहीं वह
जो धार सके धरती की तरह
अपने पर सबकुछ
अनवरत...
कुसुम ठाकुर की कविताएँ
कुसुम ठाकुर की कविताएँ (1) "जीवन तो है क्षण भंगुर"
बिछड़ कर ही समझ आता,
क्या है मोल साथी का ।
जब तक साथ रहे उसका,
क्यों अनमोल...
पंखुरी सिन्हा की कविताएँ
पंखुरी सिन्हा की कविताएँ 1.हरश्रृंगार
कथा तो उतनी ही, हरश्रृंगार जितनी ही थी
यानि दिन के घंटो की
यानि तबसे
जब सुबह एक दम दिव्य थी
हर कुछ की शुरुआत...
श्वेता मिश्र की पाँच कविताएँ
श्वेता मिश्र की पाँच कविताएँ 1. निशान
पतीले में आग पर रखा दूध
ले रहा था उबाल पर उबाल
क्षण भर को फिसलती नज़र
और एक उबाल ...बिखर गया दूध
ह्रदय...