Tag: लेखक सुनील दत्ता
यह है आधुनिक बीजो , तकनीको वाली खेती की असलियत |
- सुनील दत्ता -
27 अगस्त के हिंदी दैनिक ' बिजनेस स्टैन्डर्ड ' में यह सूचना प्रकशित की गयी है कि ' बीज तकनिकी क्षेत्र...
किसानो की वित्तीय फाँस
- सुनील दत्ता -1947 – 50 से पहले जमीदारो को लगान चुकाने तथा अपनी आवश्यकताओ को पूरा करने के लिए रियाया एवं स्वतंत्रत किसानो...
देश के आधुनिक इतिहास को सर्वाधिक महत्व देना क्यों आवश्यक है
- सुनील दत्ता - देश के आधुनिक युग का इतिहास इस देश में 16 वी शताब्दी में यूरोपीय शक्तियों के आगमन के साथ शुरू होता...
तानाशाही बनाम आम जनता का जनतंत्र
- सुनील दत्ता -
तंत्र के माने है शक्ति | शक्ति के माने है अधिकार | स्पष्ट बात है कि जनतंत्र का सीधा - सपाट...
आधुनिक बाज़ार व्यवस्था और जनसाधारण
- सुनील दत्ता -
हम आधुनिक युग में जी रहे है | आधुनिक युग की बाज़ार व्यवस्था में जी रहे है | क्योंकि हमारे भोजन...
भूमि – अधिग्रहण कानून के संशोधन में आखिर अडचन कंहा हैं ?
- सुनील दत्ता - अधिग्रहीत जमीनों का मालिकाना ले रही कम्पनियों के मुँह से ही उनकी अडचन सुन लीजिए कृषि भूमि अधिग्रहण को लेकर उठते विवादों ,संघर्षो...
राष्ट्रीय संस्कृति का प्रश्न ?
- सुनील दत्ता -
संस्कृति का मतलब मोटे तौर पर जीवन शैली से है | राष्ट्र संस्कृति का मतलब राष्ट्र के लोगो का रहन -...
सन्यासी विद्रोह और उसके सबक : 1763—- 1800
- सुनील दत्ता -क्या आज के सन्यासी , फकीर , महात्मा , धर्मगुरु व धार्मिक नेता सन्यासी विद्रोह के शहीदों व फकीरों से प्रेरणा...
1947 स्वतंत्रता की असलियत : भाग चार
1947 स्वतंत्रता की असलियत - सुनील दत्ता -
भाग तीन इण्डिया इन्डिपेंड्स एक्ट की धाराओं का सवाल है तो उसके अंतर्गत इस देश को दो अधिराज्यो...
1947 स्वतंत्रता की असलियत : भाग तीन
1947 स्वतंत्रता की असलियत : भाग तीन- सुनील दत्ता -
इण्डिया इन्डिपेंड्स एक्ट की धाराओं का सवाल है तो उसके अंतर्गत इस देश को दो...