Tag: रंगकर्मी अरुण तिवारी
कारसेवा का करिश्मा निर्मल कालीबेंई
-अरुण तिवारी -
होशियारपुर के धनोआ गांव से निकलकर कपूरथला तक जाती है 160 किमी लंबी कालीबंेई। इसेे कालीबेरी भी कहते हैं। कुछ खनिज के...
लम्बी कविता : कवि अरुण तिवारी
लम्बी कविताअन्धकार की बातें करते बीत गए यूँ साल भतेरे
अन्धकार की बातें करते
बीत गए यूँ साल भतेरे
तुमने जाने क्या सोचा है
मैंने तो बस यह...
समीक्षा : पेरिस जलवायु समझौता – यह इश्क नहीं आसाँ
- अरुण तिवारी -किसी और नजरिए से हम पेरिस जलवायु समझौते के नफा-नुकसान की तलाश तो कर सकते हैं, किंतु यह नहीं कह सकते...
सूखा राहत राज बनाम स्वराज – सूखा राहत पैकेज के सुधार और सुझावों का...
- अरुण तिवारी -
यह बात कई बार दोहराई जा चुकी है कि बाढ़ और सुखाङ अब असामान्य नहीं, सामान्य क्रम है। बादल, कभी भी-कहीं...
10 दिसंबर-विश्व मानवाधिकार दिवस पर विशेष – मानवाधिकार के बहाने, जलाधिकार के मायने
- अरुण तिवारी -
क्या गजब की बात है कि जिस-जिस पर खतरा मंडराया, हमने उस-उस के नाम पर दिवस घोषित कर दिए! मछली, गोरैया,...
पंचायती राज व्यवस्था : आईने में अक्स देखने का वक्त
- अरुण तिवारी -
अपने नये पंचायती राज की उम्र 22 साल, सात महीने से कुछ दिन अधिक की ही हो गई है। आगे की...
आधी-अधूरी कोशिश से निर्मल नहीं होगी गंगा-यमुना
- अरुण तिवारी -नदी बंाध विरोधियों के लिए अच्छी खबर है कि देश की सबसे बङी अदालत ने दिल्ली सरकार को चेताया है कि...
रामचरित
रामचरितधरियो, रामचरित मन धरियो
तजियो, जग की तृष्णा तजियो।
परहित सरिस धर्म मन धरियो
मरियो, मर्यादा पर मरियो।।
धरियो, रामचरित....भाई बने तो स्वारथ तजियो
संगिनी बन दुख-सुख सम धरियोे।
मात...
अरुण तिवारी का खुला ख़त धर्माचार्यों के नाम
खुला ख़त धर्माचार्यों के नाम " संदर्भ " गंगा-यमुना में मूर्ति विसर्जन पर रोक और विरोध-----------------------------------------------------------------------------धर्म जगत के सभी आचार्यो को प्रणाम।मूर्ति विसर्जन पर...
अरुण तिवारी की कविताएँ
कविताएँ1. मकां बनते गांव
झोपङी, शहर हो गई,
जिंदगी, दोपहर हो गई,
मकां बङे हो गये,
फिर दिल क्यांे छोटे हुए ?
हवेली अरमां हुई,
फिर सूनसान हुई,
अंत में जाकर
झगङे...