Tag: मौसमी शेखर की कविता
मौसमी शेखर की कविता – मौन मुखर हो जाता है
मौन मुखर हो जाता है
पथ ने पग को क्यूँ बाँध दिया
अपनों ने क्यूँ संताप दिया
दग्ध् हृदय, कोलाहल के
पार कभी जब जाता है
तब मौन मुखर...
मौसमी शेखर की कविता – तुझ पर सब कुछ अर्पण
"तुझ पर सब कुछ अर्पण"
पल प्रति पल हो साथ मेरे
कोमल सपनों को थाम खड़े
तुम प्राण मेरे, अभिमान मेरे
पूजन वन्दन का ध्यान मेरे !!आँचल मेरा...