Tag: पर्यावरण बचाओ
30 जनवरी: गांधी पुण्य तिथि पर विशेष : कितना व्यावहारिक गांधी विचार ?
- अरुण तिवारी -कहने को 21वीं सदी, नई तकनीकी की युवा सदी है; एक ऐसी सदी, जब सारी दुनिया डिजीटल घोङों पर सवारी करने
को...
मरती गंगा और स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद श्रृंखला : दूसरा कथन
- अरुण तिवारी -’क्या मैं भागीरथी का सच्चा बेटा हूं ?’: स्वामी सानंदप्रो जी डी अग्रवाल जी से स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद जी का नामकरण...
मरती गंगा और स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद श्रृंखला : प्रथम कथन
- अरुण तिवारी -
सन्यासी बाना धारण कर प्रो जी डी अग्रवाल जी से स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद जी का नामकरण हासिल गंगापुत्र का संकल्प किसी...
मरती गंगा और स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद श्रृंखला : एक परिचय
स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद’ श्रृंखला का शुभारंभ और टीम INVC NEWSसन्यासी बाना धारण कर प्रो जी डी अग्रवाल से स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का...
युवा वही, जो बदले दुनिया : 12 जनवरी राष्ट्रीय युवा दिवस पर विशेष
- अरुण तिवारी -यौवन तन नहीं, मन की अवस्था है। हां! तन की भिन्न अवस्थाये,ं मन की इस अवस्था को प्रभावित जरूर करती हैं।...
बदलती आबोहवा: क्यों चिंतित हो भारत ?
- अरुण तिवारी -
क्या जलवायु परिवर्तन का मसला इतना सहज है कि कार्बन उत्सर्जन कम करने मात्र से काम चल जायेगा या पृथ्वी पर...
कारसेवा का करिश्मा निर्मल कालीबेंई
-अरुण तिवारी -
होशियारपुर के धनोआ गांव से निकलकर कपूरथला तक जाती है 160 किमी लंबी कालीबंेई। इसेे कालीबेरी भी कहते हैं। कुछ खनिज के...
समीक्षा : पेरिस जलवायु समझौता – यह इश्क नहीं आसाँ
- अरुण तिवारी -किसी और नजरिए से हम पेरिस जलवायु समझौते के नफा-नुकसान की तलाश तो कर सकते हैं, किंतु यह नहीं कह सकते...
सूखा राहत राज बनाम स्वराज – सूखा राहत पैकेज के सुधार और सुझावों का...
- अरुण तिवारी -
यह बात कई बार दोहराई जा चुकी है कि बाढ़ और सुखाङ अब असामान्य नहीं, सामान्य क्रम है। बादल, कभी भी-कहीं...
10 दिसंबर-विश्व मानवाधिकार दिवस पर विशेष – मानवाधिकार के बहाने, जलाधिकार के मायने
- अरुण तिवारी -
क्या गजब की बात है कि जिस-जिस पर खतरा मंडराया, हमने उस-उस के नाम पर दिवस घोषित कर दिए! मछली, गोरैया,...