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‘ मुसाफिर ‘ शब्द को केन्द्र में रखकर 105 मुक्तक – कवि श्यामल...

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  - श्यामल सुमन -    - मुक्तक - जीवन है श्रृंगार मुसाफिर जीवन पथ अंगार मुसाफिर, खाते कितने खार मुसाफिर जीवटता संग होश जोश तो, बाँटो सबको प्यार मुसाफिर   ...

श्यामल सुमन की गज़लें

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1. आखिरी में सुमन तुझको रोना ही है तेरी पलकों के नीचे ही घर हो मेरा घूमना तेरे दिल में नगर हो मेरा बन लटें खेलना तेरे...

शिव कुमार झा टिल्लू की कलम से गद्य लघु नाटिका : दृष्टिकोण

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शिव कुमार झा टिल्लू की कलम से गद्य लघु नाटिका : दृष्टिकोण* विशेष रूप से आगामी अंतराष्ट्रीय महिला दिवस ( 8 मार्च )पर जमशेदपुर की...

शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ

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शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ 1 किरण एक बार तो बनकर आती नवल श्रद्धा की भोर किरण तन से पूजन मन से अर्पण ना चाहत की...

शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ

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शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ1) सोनालिका न कतिपय परिपक्व न ही बालिका ना विश्रान्तिस्वरूपा ना ही कालिका अलौकिक सौंदर्य में छिपी हुई हो तुम , सुशीतल सुरभित-...

सरिता झा की कविताएँ

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 सरिता झा  की कविताएँ1)  मेरी कलम रुक गई दिल में है दर्द बहुत , क्यों न इसे, पन्नें पे उतार दू !दिल में मेरे ये शोर , करता...

शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ

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शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ 1 काव्या कैसी विवश प्रीति यह कूकर में शक़्करविहीन दलिया को सब्जी संग चढ़ाया सीटी पर सीटी सुनता था लेकिन उसे समझ ना...

गद्य लघु नाटिका : दृष्टिकोण

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  गद्य लघु नाटिका : दृष्टिकोण- लेखक शिव कुमार झा टिल्लू - * विशेष रूप से आगामी अंतराष्ट्रीय महिला दिवस  पर जमशेदपुर की एक चर्चित " नारी...

शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ

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शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ1. कर्मवाद मेरी अपनी कविता ने एक बार पढ़ाया मुझे पाठ कर्मवाद का भावों के सहारे नहीं चलती यह बहुरंगी दुनिया बहुआयामी जीवन में है निहायत...

सरिता झा (आशु ) की कविताएँ

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सरिता झा  (आशु ) की कविताएँखामोशी --------------- खामोशी कभी कभी बिन बोले , बहुत कुछ कह जाती है ! पर तेरी खामोशी पे, ये कैसी चादर पड़ी है , है ये...

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