Tag: क्या सम्भव है?
Satire : पत्रकार भाई जी ‘लिव एण्ड लेट लिव, ईट एण्ड लेट ईट’
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -हे मित्र, मैं लाचार हूँ वर्ना अब तक आप द्वारा प्रेषित आलेख का प्रकाशन हो गया होता। मैं आप की...
Satire : हाय फ्रेंड्स ! हाउ एम आई लुकिंग…………..?
- डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -हाय फ्रेन्ड्स! मैं एक लिंक शेयर करने के पूर्व कमेण्ट्स लिखना चाहता हूँ। अब समझ में नहीं आ रहा...
Satire : बुद्धिश्रमिक : हीन भावना से ग्रस्त एक बेवश प्राणी
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -हे बुद्धि श्रमिकों- मुझे तुम पर दया आती है। बेवजह ही तुम अहं के शिकार हो गये हो। मेरी नजर...
पल्सर पल्सर पल्सर और पल्सर……….
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
पल्सर- एक मोटर साइकिल जिसका इस्तेमाल बदमाश और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग कुछ ज्यादा ही करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के...
ऐ शहर-ए-लखनऊ तुझे मेरा सलाम है……
- डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी -
अमाँ मियाँ वह भी क्या जमाना था। जब हमारा हर छोटा बड़ा सिक्का चला करता था। आज तो चवन्नी,...
मुझे भी सम्मान की दरकार, क्या सम्भव है?
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी-पाठकों मैं वादा करता हूँ कि यदि मुझे कोई सम्मान मिला तो मैं उसे कभी भी किसी भी परिस्थिति में लौटाने...