Tag: कवि महेश कटारे सुगम
बुंदेली ग़ज़ले शायर महेश कटारे सुगम
बुंदेली ग़ज़ल1-
खूब धरम की सीखें दै रये
हाथन में बंदूकें दै रये
अच्छौ कछू बदल नईं पा रये
सड़ी पुरानी लीकें दै रये
जोंन बात नईं मानत उनकी
काट...
महेश कटारे सुगम की पांच बुन्देली भाषा में ग़ज़ल
बुन्देली भाषा में ग़ज़ले 1-
नंगे सपरें ,धोवें और निचोवें का
सतुआ नईंयाँ घर में बोलौ घोरें का
घी होतौ तौ हलुआ तनक बना लेती
चून ख़तम है भूँजें...
बुन्देली कवि महेश कटारे ‘सुगम’ बुन्देली भाषा में रचनाएँ
बुन्देली कवि महेश कटारे 'सुगम' बुन्देली भाषा में रचनाएँ1-
पुरखा एक कहावत कत हैं
बैठ ऊँट पै सब मलकत हैं
जित्ती चाय सीख लो विद्या
कितऊँ कितऊँ तौ...