Tag: कवि अनिल शर्मा
धार्मिक उन्माद की बलि चढ़ता पडोस धर्म
- अनिल शर्मा -
जब हम बाज़ार से कोई जानवर ख़रीदते हैं तो सबसे पहले उसकी नस्ल के बारे में पूछते हैं! जब हम बीज...
अनिल शर्मा के गीत व् ग़ज़ल
अनिल शर्मा के गीत व् ग़ज़ल1- ( गीत )
नीवें सब खोखली हुईं
कंगूरे आंकते रहे
घर से उठता रहा धुआं
दूर खड़े ताकते रहे !!
नीवें सब खोखली...