Tag: आलेख
सत्यपाल मलिक: संविधान का वह सिपाही जिसने सत्ता से सच कहने की कीमत चुकाई
लेखक: ओंकारेश्वर पांडेय"जब इतिहास की किताबें लिखी जाएँगी, तो यह जरूर लिखा जाएगा कि जिस दौर में राजभवन नौकरशाहों के अड्डे बन गए थे,...
मोदी का घाना दौरा: कूटनीति का वही ढोल या साख लौटाने की ठोस कवायद?
क्या भारत ग्लोबल साउथ में अपनी खोई विरासत फिर हासिल कर पाएगा?- ओंकारेश्वर पांडेय -‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तमाम सवालों से घिरे प्रधानमंत्री नरेंद्र...
मोदी के बहाने और भागवत कथा के मायने
- ओंकारेश्वर पांडेय -
एक तरफ जहां देश का गोदी मीडिया खासकर टेलीविजन ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना की बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफों...
पाश्चात्य संस्कृति का बढ़ता प्रभाव और भारतीय युवा: क्या हमारी सांस्कृतिक पहचान खतरे में...
भारतीय युवा मन-मस्तिष्क में पाश्चात्य संस्कृति की अंधी लहरें कहीं भविष्य में हमारे अस्तित्व को भोग-विलास और भौतिकता के समंदर में डुबो तो नहीं...
पंजाब की राजनीति और सुनील जाखड़ की भूमिका: एक गहन विश्लेषण
- राजनीतिक विश्लेषक नीरज गुप्ता का व्यापक विश्लेषण -
पंजाब की राजनीति में हाल के घटनाक्रमों ने नेतृत्व और पार्टी की रणनीतियों पर गंभीर सवाल...
नेहरू का वैज्ञानिक दृष्टिकोण और भारतीय समाज पर उनका प्रभाव
- कल्पना पांडे -
इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक आडंबरों, पाखंड और अंधविश्वास फैलाने वाले और दकियानूसी...
छठ पर्व: भक्ति के रस में डूबी एक लोक वंदना
लेखिका: विजया भारती (लोक गायिका)
कई नए गीतकार भी छठ गीतों को अपने ढंग से लिख व गा रहे हैं। परंतु मैं समझती हूं कि...
हरियाणा विधानसभा चुनाव : फूट और झूठ के सहारे ‘वैतरणी’ पार करने के कुत्सित...
- निर्मल रानी -
आगामी 5 अक्टूबर को होने जा रहे हरियाणा विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां अपने चरम पर हैं। भारतीय जनता पार्टी तीसरी बार...
हमारी विनाश सामग्री हमारी ही जेब में ?
- तनवीर जाफ़री -जब से मोबाईल फ़ोन प्रचलन में आया है तब से देश में ऐसे सैकड़ों हादसों की ख़बरें आईं जिनसे पता चला...
भारत में एक राष्ट्र, एक चुनाव व्यवस्था: राजनीतिक विश्लेषक नीरज गुप्ता का व्यापक विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषक नीरज गुप्ता ने लेख में भारत में "एक राष्ट्र, एक चुनाव की व्यवस्था" के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तृत...