Tag: अरुण तिवारी
पुस्तक समीक्षा : बहस का मंच बनने को तैयार एक जंगल बुक – वाइल्डलाइफ...
पुस्तक " वाइल्डलाइफ इण्डिया@50 " की समीक्षाजंगलात को आइना दिखाती एक जंगल बुकसमीक्षक: अरुण तिवारीजब दिमाग और दुनिया...दोनो का पारा चढ़ रहा हो, खुशियों...
असम की बाढ़ : कारण और निवारण के बीच फंसे लोग
- अरुण तिवारी -
असम में बाढ़ कोई नई घटना नहीं है . किन्तु मानसून के पहले ही चरण में बाढ़ का इतना ज्यादा टिक...
गैरसेण : बिन पानी, कैसी राजधानी
-अरुण तिवारी--बंद हो गैरसेण को राजधानी बनाने के बहकावे का खेल-
उत्तराखण्ड राज्य बने 20 वर्ष, 06 महीने से अधिक हो गए। गैरसेण को राजधानी...
चारधाम ऑल वेदर रोड और गंगा एक्सप्रेस-वे – बहस इन पर भी हो
अरुण तिवारीनदियों के अविरल-निर्मल पक्ष की अनदेखी करते हुए उनकी लहरों पर व्यावसायिक सवारी के लिए जलमार्ग प्राधिकरण। पत्थरों के अवैध चुगान व रेत...
किसान आंदोलन : अब पूरी बात हो
- अरुण तिवारी -
किसान आंदोलन स्थल की सड़कों पर कील, तार और दीवार लगा दी गई; बिजली-पानी के कनेक्शन काट दिए गए। हमने मंत्री-प्रधानमंत्री...
चमोली हादसा : आइए चेतें कि यूं ही नहीं दरकता कोई ग्लेशियर
- अरुण तिवारी -
ग्लेशियर हो या इंसान, रिश्तें हों या चट्टान, यूं ही नहीं दरकता कोई। किसी पर इतना दाब हो जाए कि वह तनाव में...
गंगा, गति और गवर्नेन्स
गंगा हितों की अनदेखी के मार्ग
- अरुण तिवारी -
नदियों के अविरल-निर्मल पक्ष की अनदेखी करते हुए उनकी लहरों पर व्यावसायिक सवारी के लिए जलमार्ग...
गंगा सत्याग्रहियों की भी सुनो कोई
- अरुण तिवारी -
मातृ सदन (हरिद्वार) के गंगा तपस्वी श्री निगमानंद को अस्पताल में ज़हर देकर मारा गया। पर्यावरण इंजीनियर स्वामी श्री ज्ञानस्वरूप सानंद...
बहुत महंगा पड़ेगा गंगा से खिलवाड़
- अरुण तिवारी -
गंगा की अविरलता-निर्मलता के समक्ष हम नित् नई चुनौतियां पेश करने में लगे हैं। अविरलता-निर्मलता के नाम पर खुद को धोखा...
दिल्ली मांगे मोर
- अरुण तिवारी -
लोकतांत्रिक पिरामिड को सही कोण पर खड़ा करने के पांच सूत्र हैं: लोक-उम्मीदवार, लोक-घोषणापत्र, लोक-अंकेक्षण, लोक-निगरानी और लोक-अनुशासन। लोक-घोषणापत्र का सही...