Tag: अनवर सुहैल की कविता : ये किनका दुःख
अनवर सुहैल की रचनाएँ
रचनाएँ1- एक आदत दुःख सहते रहने की
एक आदत कुछ न कहने की
एक आदत चुप रहने की
एक आदत घुट-घुटकर जीने की
इससे वाकिफ हैं वे सारे
इसलिए उन्हें...
अनवर सुहैल की कहानी : ग्यारह सितम्बर के बाद
ग्यारह सितम्बर के बादग्यारह सितम्बर के बाद करीमपुरा में एक ही दिन ,एक साथ दो बातें ऐसी र्हुइं, जिससे चिपकू तिवारी जैसे लोगों को...
अनवर सुहैल की कविता : ये किनका दुःख
ये किनका दुःख
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नही मिला हैचार माह से वेतन
घर में खाली बर्तन
हारी और बीमारी मारे
भूख खडी दरवाज़े, मांगे
कुछ भी मिल जाए-'खाना दो!'तुम कहते हो
मैं गायक...