Home Tags लेखक जगत

Tag: लेखक जगत

शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ

0
शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ1) सोनालिका न कतिपय परिपक्व न ही बालिका ना विश्रान्तिस्वरूपा ना ही कालिका अलौकिक सौंदर्य में छिपी हुई हो तुम , सुशीतल सुरभित-...

सरिता झा की कविताएँ

1
 सरिता झा  की कविताएँ1)  मेरी कलम रुक गई दिल में है दर्द बहुत , क्यों न इसे, पन्नें पे उतार दू !दिल में मेरे ये शोर , करता...

शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ

0
शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ 1 काव्या कैसी विवश प्रीति यह कूकर में शक़्करविहीन दलिया को सब्जी संग चढ़ाया सीटी पर सीटी सुनता था लेकिन उसे समझ ना...

डाॅ. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर की कहानी : कतरा-कतरा ज़िन्दगी

0
डाॅ. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर  की कहानी : कतरा-कतरा ज़िन्दगी - कतरा-कतरा ज़िन्दगी -  बस से उतर कर हरिया ने एक उदास सी निगाह सूखे पड़े बम्बा...

श्वेता मिश्र की कहानी : अधूरे ख़्वाब

0
श्वेता मिश्र की कहानी : अधूरे ख़्वाब______अधूरे ख़्वाब _______________ इंडियन ?? एफ्फिल टावर को निहारती नज़रें पर खुद में ही खोयी हुई हाथों में पेन और...

गद्य लघु नाटिका : दृष्टिकोण

0
  गद्य लघु नाटिका : दृष्टिकोण- लेखक शिव कुमार झा टिल्लू - * विशेष रूप से आगामी अंतराष्ट्रीय महिला दिवस  पर जमशेदपुर की एक चर्चित " नारी...

सुलक्षणा राजवंशी की पाँच रचनाएं

2
सुलक्षणा राजवंशी की पाँच रचनाएं 1- चुपके से झील में उतर जाते हो चन्दा तुम कितना शरमाते हो......!2- बर्फ़ कई दिनों से जमी थी उसपर आख़िर कल रात पिघल कर बादल धरती की गोद में...

डॉ. रामवृक्ष सिंह की कलम से व्यंग्य : बाबा मंत्रालय आज के भारत की...

0
 बाबा मंत्रालय आज के भारत की अनिवार्य आवश्यकता- डॉ. रामवृक्ष सिंह - अपने देश में बाबाओं की बढ़ती संख्या, समाज में उनके महत्त्व, देश की...

शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ

0
शिव कुमार झा टिल्लू की कविताएँ1. कर्मवाद मेरी अपनी कविता ने एक बार पढ़ाया मुझे पाठ कर्मवाद का भावों के सहारे नहीं चलती यह बहुरंगी दुनिया बहुआयामी जीवन में है निहायत...

सरिता झा (आशु ) की कविताएँ

0
सरिता झा  (आशु ) की कविताएँखामोशी --------------- खामोशी कभी कभी बिन बोले , बहुत कुछ कह जाती है ! पर तेरी खामोशी पे, ये कैसी चादर पड़ी है , है ये...

Latest News

Must Read