Tag: नित्यानंद गायेन कि कविता – मीडिया मायाजाल है
नित्यानंद गायेन की कविता – अंधकार अब भी घनघोर है चारों ओर
"अंधकार अब भी घनघोर है चारों ओर"
हल्ला बहुत हुआ
दीये भी बुझ गये
उधर घाटी में हिमपात जारी है
कंबल से बाहर आइये
देखिये गौर से उन चेहरों...
नित्यानंद गायेन की कविता – जीवन के कुरुक्षेत्र में
जीवन के कुरुक्षेत्र मेंमुझे याद नही, शोषण के विरुद्ध
और अधिकारों के हक़ मेंकब लिखी थी मैंने आखरी कविताकई सदियों से लगा हुआ हूँखुद को...
नित्यानंद गायेन की कविता – मीडिया मायाजाल है
मीडिया दूर-दर्शन हैसरकारी वाचक हैमीडिया प्रभु हैबरखा हैवीर हैमीडिया–दिशाहीन योद्धा काछोड़ा हुआ तीर हैमीडिया–सत्ता हैराडिया हैबहुत बढिया हैनोट के बदलेखबर है मीडियास्टिंग आपरेशन हैशोषण...