Tag: कविता का सफ़र
वीरू सोनकर की कविताएँ
वीरू सोनकर की कविताएँ 1
वह नुकीली नोंक पर सधा रहेगा
और नृत्य करेगा
अपने पैरो को नश्वरवाद रटाते हुए कहेगा,
न पैर रहेगा एक दिन
और न ही मैं
न...
वीरू सोनकर की पांच कविताएँ
वीरू सोनकर की पांच कविताएँ1) एक सपना
जैसे
चीनी बच्चों को
लंबे होने के सपने नहीं आते,
और जापानी बच्चों को
अब परमाणु हमले की चिंता नहीं सताती,
जैसे एक...
पारुल रस्तोगी की पांच कविताएँ
पारुल रस्तोगी की पांच कविताएँ शिव कुमार झा टिल्लू की टिप्पणी : सुश्री पारुल रस्तोगी प्रकृतिवादी कवयित्री हैं परन्तु अतिवादी नहीं . इनकी रचनाओं में प्रवाह...
वीरू सोनकर की पांच कविताएँ
वीरू सोनकर की पांच कविताएँ राजकुमार धर द्विवेदी की टिप्पणी : देश के मशहूर आलोचक नामवर सिंह ने एक बार कहा था -'बढ़ते हुए पेड़ को...