सीमा अग्रवाल के गीत
1..तुम चिंतन के शिखर चढ़ो ……….
तुम पन्नों पर सजे रहो
हम अधरों अधरों
बिखरेंगे
तुम बन ठन कर
घर में बैठो
हम सडकों से बात करें
तुम मुट्ठी में
कसे रहो हम
पोर पोर खैरात करें
इतराओ गुलदानों में तुम
हम मिट्टी में
निखरेंगे
तुम अनुशासित
झीलों जैसे
हल्का हल्का मुस्काते
हम अल्हड़ नदियों
सा हँसते
हर पत्थर से बतियाते
तुम चिंतन के
शिखर चढ़ो
हम चिंताओं में उतरेंगे
_____________________________
2…फूस के छप्पर हुए सम्बन्ध …..
फूस के छप्पर हुए
सम्बन्ध
झिर्रियाँ ही झिर्रियाँ
झलकीं
ज़रा बौछार में
भसक कर क्षण भर में
ढल जाते
नए आकार में
तोड़ कर
वादों इरादों के
गिरह गठबंध
आँधियों को मान
शुभचिंतक थमा कर
उंगलियाँ
उड़ रहे भ्रम पाल
सम्बल की
उड़ाते खिल्लियाँ
अनसुनी करते
दीवारों की सभी
सौगंध
बस तनिक से
ताप में ही
सील सारी खो गयी
एक अन्तर्भेद की
चिनगी में
धू धू हो गयी
पलक झपते राख
होते छाँव के
अनुबंध
_____________________________
सीमा अग्रवाल
लेखिका व् कवयित्री
सीमा अग्रवाल का मूल पैतृक स्थान कानपुर, उत्तर प्रदेश है l संगीत से स्नातक एवं मनोविज्ञान से परास्नातक करने के पश्चात पुस्तकालय विज्ञान से डिप्लोमा प्राप्त किया l आकाशवाणी कानपुर में कई वर्ष तक आकस्मिक उद्घोषिका के रूप में कार्य किया l विवाह पश्चात पूर्णरूप से घर गृहस्थी में संलग्न रहीं l पिछले कुछ वर्षों से लेखन कार्य में सक्रिय हैं l इन्ही कुछ वर्षों में काव्य की विभिन्न विधाओं में लिखने के साथ ही कुछ कहानियां और आलेख भी लिखे l
संपर्क -: मोबाइल नम्बर – : 7587233793 , E mail -: thinkpositive811@gmail.com
लेखन क्षेत्र : गीत एवं छंद, लघु कथा
प्रकाशित गीत संग्रह : खुशबू सीली गलियों की
प्रकाशित कृतियाँ :
1. राजस्थान से प्रकाशित बाबूजी का भारत मित्र में दोहे एवं कुण्डलियाँ
2. शुक्ति प्रकाशन द्वारा प्रकाशित संकलन “शुभम अस्तु” में गीत संकलित
3. श्री दिनेश प्रभात द्वारा सम्पादित त्रैमासिक पत्रिका गीत गागर में गीत प्रकाशित
4. मॉरिशस गाँधी विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित वसंत एवं रिमझिम पत्रिकाओं में रचनाओ का प्रकाशन
5. ई-पत्रिका “साहित्य रागिनी” में गीत संकलन
___________________________________________________________________