पांच कविताएँ
1.”प्रेम” की कविता
तुम्हे तुमसे भी ज्यादा चाहने लगा हूँ,
तुम्हे तुमसे भी ज्यादा जानने लगा हूँ |जब से तुमको देखा है मेरी दुनिया ही बदल गई,
ख्वाबों ने लिया ऐसा रूप और तुम मेरी बन गई |चलो आओ एक नए रिश्ते की बुनियाद रखते है हम-तुम,
प्यार के इस राह में एक बार खुद को आजमाए हम-तुम |जब से तुम मेरे जीवन में हो आई,
मुझे हर चीज बदली सी दे रही है दिखाई |अब तो मैं तेरी चाहत की खुशबू से अपनी सांसो को महकाता हूँ ,
देखता हूँ जब भी आईना तुझको ही सामने पाता हूँ |आओ अब उम्र भर के लिए एक-दूजे के हो जाए हम-तुम,
इस रिश्ते को मजबूत बनाए हम-तुम |
2.”चाय” का एक प्याला
दिन भर की सुस्ती छू हो जाए,
और दिन बन जाए निराला
जब मिल जाए,
“चाय” का एक प्याला…..
बारिश का हो मौसम या पड़ रहा हो पाला,
बेसन प्याज के पकौड़े के साथ मिल जाए
“चाय” का एक प्याला…..
रोज की झिग-झिग ने परेशान कर डाला
बस दो पल सुकून के मिल जाए,
और मिल जाए
“चाय” का एक प्याला…..
किसी रेस्टोरेंट कि किनारे वाली कुर्सी हो
और साथ हो एक बाला,
बातों-बातों में बात बन जाए, जब साथ हो
“चाय” का एक प्याला…..
जब मूड हो खराब और मुह से निकल रहा हो
आग का गोला
चल साथ दो बाते प्यार कि कर ले
जब साथ हो
“चाय” का एक प्याला…..
हर बुरे समय के बाद अच्छा समय आता है
रख भरोसा अपने पर और पी
“चाय” का एक प्याला…..
“चाय” का एक प्याला…..
3.”क्या लिखूँ “
मन की कहानी लिखूँ
या आँखों का पानी लिखूँ
कुछ जीत लिखूँ या हार लिखूँ
या दिल का सारा प्यार लिखूँ
फूलों की महक लिखूँ
या पत्तों की खनक लिखूँ
बचपन के लड़कपन का जमाना लिखूँ
या बारिशो में वो बेवजह का छपछपाना लिखूँ
वो डूबते सूरज को देखूँ या उगते फूल की सांस लिखूँ
वो पल में बीते साल लिखूँ या सदियों लम्बी रात लिखूँ
मैं तुमको अपने पास लिखूँ या दूरी का अहसास लिखूँ
मैं अंधे के दिन मैं झाँकूं या आँखों की मैं रात लिखूँ
कृष्ण की बांसुरी का संगीत लिखूँ
या मीरा की उनसे प्रीत लिखूँ
मंदिर की घंटियों की आवाज लिखूँ
या मस्जिद की अजान का आगाज लिखूँ
मैं हिन्दू मुस्लिम हो जाऊं या बेबस इन्सान लिखूँ
मैं एक ही मजहब को जी लूं या मजहब की आंखें चार लिखूँ
मन की कहानी लिखूँ
या आँखों का पानी लिखूँ
क्या लिखूँ?…….
क्या लिखूँ?…….
4.“काश ! से घिरी जीवन की अपेक्षाएँ”
काश की जिंदगी में कोई काश न आए,
काश हम अपने हर सपने को हकीकत में जी पाएं।।
काश इस काश को हम जिंदगी से मिटा पाएं।।
काश हम सपनों को जिंदगी से रूबरू करा पाएं।।
नही चाहिए जिंदगी से कुछ बड़ा या खास।
बस जिंदगी से मिट जाए ये काश।।काश की हर इंसान दूसरे के एक काश को समझ पाये।
ये होता तो ऐसा होता
या ये न होता तो ऐसा होता।।।
बस जिंदगी में ये एक ‘काश’ न होता।
बस जिंदगी में ये एक ‘काश’ न होता।
5.“आप धीरे से मरना शुरू करते हैं”
आप धीरे से मरना शुरू करते हैं ||
अगर आप जीवन में यात्रा नहीं करते हैं
अगर आप पढ़ नहीं सकते हैं
अगर आप जीवन की आवाज़ नहीं सुनते हैं
अगर आप अपने आप की सराहना नहीं करते हैं
आप धीरे से मरना शुरू करते हैं ||जब आप अपने आत्मसम्मान को मारते हैं
जब आप दूसरों को आपकी सहायता करने नहीं देते हैं
जब आप अपनी आदतों का दास बन जाते हैं
आप धीरे से मरना शुरू करते हैं ||यदि आप एक ही रास्ते पर हर रोज चलना शुरू करते हैं
यदि आप अपनी दिनचर्या नहीं बदलते हैं
यदि आप अलग-अलग रंग नहीं पहनते हैं
यदि आप उन लोगों से बात नहीं करते जिन्हें आप नहीं जानते।
आप धीरे से मरना शुरू करते हैं ||यदि आप जुनून महसूस करने से बचते हैं
यदि आप जोखिम नहीं उठाते हैं,
जो अनिश्चित के लिए सुरक्षित है
यदि आप सपने नहीं देखते हैं
यदि आप अपने आप को अनुमति नहीं देते हैं
आप धीरे से मरना शुरू करते हैं ||
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सचिन ओम गुप्ता
युवा लेखक व् कवि
मेरा नाम सचिन ओम गुप्ता है| पिता – श्री ओम प्रकाश गुप्ता , माता- उर्मिला गुप्ता | मैं एक छोटे से शहर चित्रकूट धाम (उत्तर प्रदेश) का निवासी हूँ| जन्मतिथि- 10-11-1991, शिक्षा- स्नातक इंजीनियरिंग- ‘संगणक विज्ञान, उत्तीर्ण- प्रथम श्रेणी, सत्र-2014, कालेज- टेक्नोक्रेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल (मध्य प्रदेश)
लेखक ने विप्रो लिमिटेड कंपनी से अपने करियर की शुरुआत की थी, अब इस समय संघ लोक सेवा परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हुए हैं| कविता ,लेखन और नई-नई जगहों में घूमने की रूचि रखते हैं
“मेरे जीवन के जितने पन्ने पलटते जा रहें हैं, उन पन्नो के उतार- चढ़ाव को मैं अपने शब्दों में परिवर्तित कर लिखता हूँ|
“चित्रकूट का वासी हूँ, सबके मन का साथी हूँ”
संपर्क -: – 07869306218 , ईमेल- sachingupta10nov@gmail.com
Bhut Acha Sachin ji.jo bhi likhte h Dil se likhte h .ghrei tk .bahut bdhiya?
Thankyou Neha…
Very well done Sachin
Very nice
Shukriya…!!!
Congrats!! Sabhi kavitayein achi aur relatable h…Kya likhu Kya likhu Mei ktna kch likh gye aap..good..keep it up
Shukriya Shivani
Very very congratulations Sachin…
Thankyou Agraj…
Many many congratulations bro… Keep it up
Thankyou…
Nice, Great initiative
Thankyou…
Nice bro
Great initiative ✌✌
Nice ?
बहुत शुक्रिया!!!
सुन्दर।
बहुत शुक्रिया सर!!!