आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली ,
नाटक मिर्ज़ा साहिबा ये संगीतमय नाटक 25 फरवरी 2023 को एलटीजी के ब्लैंक कैनवस में रुबरू थिएटर द्वारा खेला गया। ख़ास बात यह है की पूरा थिएटर दर्शको से भरा हुआ था काफी दिनों के बाद किसी नाटक मंचन से पहले किसी थिएटर के बाहर हॉउस फूल का बोर्ड नज़र आया
नाटक मिर्ज़ासाहिबा के मंचन के बाद दर्शको की तालियों से गूंजा थियेटर
इस नाटक का निर्देशन रंग मंच की जानी मानी कलाकार और निर्देशक और National women excellence award for theatre से सम्मानित काजल सूरी ने किया लेखिका डॉक्टर शशि सहगल !
गुलज़ार साहब बहुत ही खूबसूरत कहते हैं..
“दर्द ही दर्द है इस इश्क़ में
इश्क़ में और कुछ नहीं होता
आदमी बावरा सा रहता है
वसल हो तो जी कहता है
फिर बिछड़ना होगा
हिज्र हो तो जी कहता है
विसाल कब होगा
सहज सर्वस्व निस्वार्थ समर्पण ही प्रेम है …प्रेम अपनेआप में इतना पावन है….इतना संपूर्ण कि उसके उसके सामने तो कलुषता का लौहखंड पिघल कर रह जाता है…! सदियों से स्वार्थ का कहर और जुल्मो- सितम प्रेम से हारे है और आज भी हारेंगे…! मौत भी उसे न कल मिट सकी थी न आज मिट पायेगी…प्रेम मर कर भी जीता है…और दुनिया जीत कर भी हारती है…!
हां यही है मिर्जा साहिबा की कहानी….
मोहब्बत की दुनिया में साहिबा का नाम विश्वास और धोखे के ताने बाने में उलझा सा प्रतीत हो… तब भी मिर्जा साहिबा का इश्क कहीं भी उन लोगों से कमतर नही माना जा सकता जिन से आज भी मोहब्बत का मयार कायम है…!
मिर्जा और साहिबा की ये अमर प्रेम कहानी पंजाब के लोकगीतों में अक्सर सुनने को मिल जाती है।
इस नाटक को आये देखने दर्शकों की तालियाँ से साफ पता चल रहा था कि दर्शक इस नाटक को कितना पसन्द कर रहे हैं।
मिर्जा साहिबा नाटक दर्शको द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है और सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 21 जनवरी को यह नाटक roseate house एयरोसिटी में हुआ दूसरा शो 15 फरवरी को दिल्ली विश्विद्यालय के हंसराज कॉलेज में हुआ और तीसरा मंचन एलटीजी के ब्लैंक कैनवस में सफलता के साथ हुआ!
कलाकारों में मोहनयादव,जितेंद्र,जसकीरन चोपड़ा,रवनीतकौर,राहुल मल्होत्रा ,,नीरज तिवारी ,दिनेश,दीपक,शिवम, प्रियंका,गीता, मनन सद, शुभम,संदीप,आकाश सबने अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया मैक-उप राशिद कुल मिला कर एक शानदार प्रस्तुति थी