पंकज त्रिवेदी की चार कविताएँ
(1)
साँस से शब्द सूर हो सोऽहं ओहम
ब्रह्मनाद के स्वर में भीगता सावनझमझम बरसात फुहार मन चंचल
नभ गरजत कड़डड बिजली सोहतघोर घटा गहन गम्भीरा सा दलदल
मनभर नाचत मयूरा जब वो बरसतपरणाम गुरु परम्परा सदा हो उज्जवल
चमकत चार भुवननाथ रूप मनभावन
(2)
दुलार ममतामयी मात हो मोहरी
करहूँ बखान किस मुँह कहो मोहरीवचन विवध सुनंता विहार करूँ मांही
एकमार्गी अलख अलख सुनंता तोहरीदिव्य आतम मोहत करहू वंदना तोहरी
गंगा बहत जलधि पावना मात हे मोहरीगहन गुहा झिलमिल जागत जो जौहरी
केवल ध्वनि गूंजारव मोहत मन मोहरी
(3)
बेइन्तहा प्यार करने के लिए कुछ नहीं
तुमसे मिलने के बहाने जैसा कुछ नहींमौत का खौफ़ भी अब मुझसे डरता है
रब के कारनामे की डायरी में कुछ नहींतुमसे वादा करता तो गुनाहगार होता
वादों की जाल बुनकर मिलता कुछ नहींतुम्हारे दर्द की गहराई पाताल सी होगी
नांप लो तुम मगर मेरी गहराई कुछ नहीं
(4)
हर गली हर मकाँ यहाँ जैसे हों गया नया
बारिश आने से हर चेहरा मुस्कुराने लगाकुछ बूँदें गिरने से मोहब्बत हो गई हो जैसे
अलसाई सी रूमानियत और मुस्कुराने लगाज़र्रे ज़र्रे के सूखेपन में जान भर आई है यहाँ
पत्ते पत्ते से गिरता शबनम यूं मुस्कुराने लगाकैसी बेनूर सी हो गई थी बेगम साहिबा यहाँ
वो पान चबाने लगीं और मैं मुस्कुराने लगा
पत्रकारिता- बी.ए. (हिन्दी साहित्य), बी.एड. और एडवांस प्रोग्राम इन जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन (हिन्दी) –भोपाल से
साहित्य क्षेत्र-
संपादक : विश्वगाथा (त्रैमासिक मुद्रित पत्रिका)
लेखन- कविता, कहानी, लघुकथा, निबंध, रेखाचित्र, उपन्यास ।
पत्रकारिता- राजस्थान पत्रिका ।
अभिरुचि- पठन, फोटोग्राफी, प्रवास, साहित्यिक-शिक्षा और सामाजिक कार्य ।
प्रकाशित पुस्तकों की सूचि –
1982- संप्राप्तकथा (लघुकथा-संपादन)-गुजराती
1996- भीष्म साहनी की श्रेष्ठ कहानियाँ- का- हिंदी से गुजराती अनुवाद
1998- अगनपथ (लघुउपन्यास)-हिंदी
1998- आगिया (जुगनू) (रेखाचित्र संग्रह)-गुजराती
2002- दस्तख़त (सूक्तियाँ)-गुजराती
2004- माछलीघरमां मानवी (कहानी संग्रह)-गुजराती
2005- झाकळना बूँद (ओस के बूँद) (लघुकथा संपादन)-गुजराती
2007- अगनपथ (हिंदी लघुउपन्यास) हिंदी से गुजराती अनुवाद
2007- सामीप्य (स्वातंत्र्य सेना के लिए आज़ादी की लड़ाई में सूचना देनेवाली उषा मेहता, अमेरिकन साहित्यकार नोर्मन मेईलर और हिन्दी साहित्यकार भीष्म साहनी की मुलाक़ातों पर आधारित संग्रह) तथा मर्मवेध (निबंध संग्रह) – आदि रचनाएँ गुजराती में।
2008- मर्मवेध (निबंध संग्रह)-गुजराती
2010- झरोखा (निबंध संग्रह)-हिन्दी
2014- हाँ ! तुम जरूर आओगी (कविता संग्रह)
प्रसारण- आकाशावाणी में 1982 से निरंतर कहानियों का प्रसारण ।
दस्तावेजी फिल्म : 1994 गुजराती के जानेमाने कविश्री मीनपियासी के जीवन-कवन पर फ़िल्माई गई दस्तावेज़ी फ़िल्म का लेखन।
निर्माण- दूरदर्शन केंद्र- राजकोट
प्रसारण- राजकोट, अहमदाबाद और दिल्ली दूरदर्शन से कई बार प्रसारण।
स्तम्भ – लेखन- टाइम्स ऑफ इंडिया (गुजराती), जयहिंद, जनसत्ता, गुजरात टुडे, गुजरातमित्र,
फूलछाब (दैनिक)- राजकोटः मर्मवेध (चिंतनात्मक निबंध), गुजरातमित्र (दैनिक)-सूरतः गुजरातमित्र (माछलीघर -कहानियाँ)
सम्मान –
(१) हिन्दी निबंध संग्रह – झरोखा को हिन्दी साहित्य अकादमी के द्वारा 2010 का पुरस्कार
(२) सहस्राब्दी विश्व हिंदी सम्मेलन में तत्कालीन विज्ञान-टेक्नोलॉजी मंत्री श्री बच्ची सिंह राऊत के द्वारा सम्मान।
संपर्क- पंकज त्रिवेदी “ॐ”, गोकुलपार्क सोसायटी, 80 फ़ीट रोड, सुरेन्द्र नगर, गुजरात – 363002
मोबाईल : 096625-14007 email- : vishwagatha@gmail.com
बहुत सुंदर कवितायेँ ..ब्रह्मनाद के स्वर में भीगते सावन सी ….