आई एन वी सी न्यूज़
उरई (जालौन),
यह नाटक हिन्दू मुस्लिम एकता पर आधारित है ! नाटक में चार लोग खुदी मियां, अताउल्ला, खबर अंसारी और हसरत मिल कर एक कब्रिस्तान खोलते हैं और उसके उदघाटन के लिए अपने क्षेत्र के जननेता सांसद को बुलाते हैं ! उदघाटन के लिए मुर्दा न मिल पाने पर नेता बहुत गुस्सा होता है खुदी मियां और अताउल्ला मिलकर अपने चेले हसरत को धोड़ी देर के लिए मुर्दा बनने को कहते हैं ! धोड़ी आनाकानी के बाद हसरत मुर्दा बनने को तैयार हो जाता है लेकिन खुदी मियां और अताउल्ला की नियत में खोट आ जाता है ! वे हसरत को हमेशा के लिए दफ़नाने की साज़िश रच लेते हैं ताकि आगे होने वाले मुनाफे में उसका हिस्सा भी न देना पड़े ! इसका आभास होते ही हसरत मुर्दा बनने से इंकार कर देता है ! अब मुर्दे की तलाश में खुदी मियां और अताउल्ला अपने मोहल्ले के हिन्दू को मारकर नेता जी को ख़ुश करके कब्रिस्तान की ओपनिंग का विचार बनाते हैं ! लेकिन हसरत इस साज़िश का विरोध करता है जिससे चिढकर नेता , खुदी मियां और अताउल्ला तीनों मिलकर हसरत पर जान लेवा हमला कर देते हैं उसी दौरान नेता का आदमी हसरत को मर देता है ! मरते-मरते यह संदेश देता है कि हम हिन्दू मुस्लिम एकता को टूटने नहीं देंगे और एसी साजिशों का पर्दाफास करके रहेंगे ! नाटक के लेखन सलुद्दीन ताज़ तथा निर्देशन मोहित बरुआ ने किया ! खुदी मियां के रूप में निखिल गुप्ता, नेता जी के रूप में शौरभ मिश्रा तथा हसरत के रोल में शेलेन्द्र दुबे ने अपने अपने पात्रों को जीवंत कर दिया !
नाट्य समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि जिलाधिकारी राम गणेश ने नटराज एवं सरस्वती माँ का पूजन कर किया ! इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि वे डीएम बनकर जालौन नहीं आना चाहते थे लेकिन अब यह सोचते हैं कि वे यहाँ न आये होते तो जिले की इतनी प्रतिभावों , कवि , लेखक , एवं रंग कर्मिओं से मिलने का अवसर न मिलता ! इस कार्यक्रम का एक हिस्सा सम्मान समारोह था जिसके अंतर्गत रंग मंच के पुरोधा डॉ राजेन्द्र पुरवार उरई, पारम्परिक रामलीला में रावण एवं वाणासुर के अभिनय के लिए बहुचर्चित नरेद्र मोहन मित्र कोंच एवं रणचंडी, आल्हा ऊदल, रामलला हरदौल की निर्देशिका श्रीमती अर्चना गुप्ता झाँसी को सम्मानित किया गया !
इस अवसर पर हिंदी संस्थान उ.प्र. की प्रकाशन अधिकारी श्रीमती अमिता दुबे को साहित्य समीक्षक कमलेश शर्मा, मुख्य अतिथि जिलाधिकारी राम गणेश को रोहित विनायक ने तथा उ.प्र. नाट्य अकादमी अधिकारी चन्द्र मोहन को लोकमंगल के कोषअध्यक्ष राधा कृष्ण अग्रवाल ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया ! लोकमंगल के निदेशक अयोध्या प्रसाद कुमुद ने संस्था के इतिहास पर प्रकाश डाला ! अंत में कार्यवाहक अध्यक्ष गोपाल कृष्ण अवस्थी ने सभी का आभार व्यक्त किया !