14 फरवरी को होगा जमीअत उलेमा का सम्मेलन – यूपी सरकार की बेहिसी होगी मुख्य मुद्दा

Jamiatul-ulema-e-hind-delhiआई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली ,

पश्चिमी यूपी के कई जिलों में साम्प्रदायिक संगठनों के माध्यम से सशस्त्र प्रशिक्षण का खुलासा होने के बावजूद यूपी की समाजवादी सरकार की बेहिसी ने कई गंभीर सवालों को जन्म दिया है, साथ ही साथ शांति और कानून को लेकर पैदा स्थिति ने चिंतित व्यक्तियों और संगठनों को भी हैरान व परेशान कर दिया है। इसके मद्देनजर महत्वपूर्ण मुस्लिम संगठन जमीअत उलमा ने मेरठ में हो रहे अपनी सम्मेलन में इस मामले को उठाने का फैसला किया है ।

 

 


वादा खिलाफी की साथ पश्चिमी यूपी में सशस्त्र प्रशिक्षण, मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले
मोहम्मद साहिब के अपमान पर यूपी सरकार की बेहिसी पर बड़ा सवाल होगा.

 यह सम्मलेन फ़ैज़ आम इंटर कॉलेज में 14 फरवरी का न्याय सम्मेलन के शीर्षक से आयोजित होगा . बताते चलें कि उत्तर प्रदेश सरकार के ज़रिये अल्पसंख्यकों के प्रति उदासीनता और वादा खिलाफी पहले से ही बड़ा सवाल थी, इसके अलावा मुस्लिम अल्पसंख्यक पर लगातार हो रहे हमले, पैग़म्बर साहब Maulana Mahmood Madani,Jamiat Ulama I Hind , Maulana Mahmood Madani in news,news Maulana Mahmood Madaniकी तौहीन की घटना पर सरकार की बेहिसी भी चिंतित सवालों को जन्म दे रहा है, जिन को लेकर कर जमीअत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कुछ दिनों पहले लखनऊ में संवाददाता सम्मेलन करके सरकार को आगाह किया था और दूसरे कदम के रूप में जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश पश्चिमी क्षेत्र अब मेरठ में सम्मेलन आयोजित कर रहा हे.जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के महासचिव शौकत करी शौकत अली का दावा है कि 14 फरवरी को मेरठ में लोगों का बड़ा मजमा होगा, जहां उत्तर परदेश सरकार द्वारा मुसलमानों से आरक्षण, दंगा मुखालिफ बिल की स्वीकृति और निर्दोष मुस्लिम नौजवानों की रिहाई के संबंध में वादा भूलने पर विशेष विरोध किया जाएगा, इस सम्मेलन में जमीअत उलमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कारी सैयद मोहम्मद उस्मान व महासचिव मौलाना सैयद महमूद मदनी शरीक होंगे, साथ ही देश के दानिश्वर और संजीदा लोगों को भी आमंत्रित किया जाएगाइस संबंध में जमीअत उलेमा हिंद के स्क्रीरेटरी मौलाना हकीमुद्दीन कासमी जो सम्मलेन के संबंध में मुजफ्फरनगर, शामली और बागपत के दौरे पर हैं, ने कहा कि यह सम्मलेन यूपी सरकार को बेदार करने और वादे पूरे करने और समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान दिलाने के लिए है, लेकिन जो हालात उत्तर प्रदेश विशेष रूप से पश्चिमी यूपी में हैं उन पर भी चर्चा होगी, उन्होंने कहा कि जमीअत उलेमा हिंद की तारीख और परंपरा देश को बचाने और उसकी धर्मनिरपेक्ष परंपराओं का संरक्षण रही है, हमारी आर्गेनाईजेशन देश के निर्माण और उत्कृष्ठता के लिए काम करती है, इसलिए ऐसी शक्तियों और इरादों को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा, जो देश में गृहयुद्ध पैदा करके शांति और सुरक्षा को चुनौती दे रही हैं और राज्य सरकार कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रही है .उन्होंने ने कहा कि सम्मेलन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया के अल्पसंख्यक संरक्षण, गाय के बहाने मुसलमानों पर हमले और मांस व्यापारियों पर अत्याचार व दुर्व्यवहार प्रदूषण के नाम पर स्लॉटर हाउस पर बंदिश जैसे गंभीर मुद्दों भी हमारे एजेंडे में शामिल हैं, जिन पर सुझाव मंजूर होंगी और सरकार से निर्णायक कदम उठाने की मांग की जाएगी।

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