उच्च शिक्षा में सार्वभौमिक मानव मूल्यों को समाहित करने” पर तीन दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन

महर्षि अरविंद विज्ञान और प्रबंधन संस्थान में फैकल्टी विकास कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
महर्षि अरविंद विज्ञान और प्रबंधन संस्थान में फैकल्टी विकास कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

उच्च शिक्षा में सार्वभौमिक मानव मूल्यों का समावेश: एक आवश्यक पहल

20 फरवरी 2025 को, महर्षि अरविंद विज्ञान और प्रबंधन संस्थान के वाणिज्य और प्रबंधन विभाग ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के सहयोग से “उच्च शिक्षा में सार्वभौमिक मानव मूल्यों का समावेश” विषय पर तीन दिवसीय फैकल्टी विकास कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को मानव मूल्यों के महत्व से अवगत कराना और उन्हें अपने शिक्षण में समाहित करने के लिए प्रेरित करना था, ताकि छात्रों का समग्र विकास हो सके।

कार्यक्रम का उद्घाटन और प्रमुख वक्ता

संस्थान के निदेशक, डॉ. भारत पराशर ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में उच्च शिक्षा में मानव मूल्यों के समावेश की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि यह पहल छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से बल्कि नैतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी सशक्त बनाएगी।

कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में डॉ. बी. के. शर्मा उपस्थित थे, जो इस क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अपने सत्रों में मानव मूल्यों की अवधारणा, उनके शिक्षण में समावेश और उनके प्रभाव पर विस्तृत चर्चा की। डॉ. पवन बासनीवाल ने कार्यक्रम के पर्यवेक्षक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

स्थानीय समन्वयक का दृष्टिकोण

वाणिज्य और प्रबंधन विभाग की प्रमुख एवं स्थानीय कार्यक्रम समन्वयक, डॉ. रुबिना साजिद ने कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह कार्यक्रम न केवल शिक्षकों के लिए ज्ञानवर्धक होगा, बल्कि छात्रों के संपूर्ण विकास में भी सहायक सिद्ध होगा।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानव मूल्य शिक्षा का अभिन्न हिस्सा होने चाहिए, जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके।

कार्यक्रम की संरचना और सत्र

यह कार्यक्रम पूरी तरह से आमने-सामने (फेस-टू-फेस) मोड में आयोजित किया गया। तीन दिनों के दौरान, विभिन्न सत्र, कार्यशालाएं और चर्चा सत्र आयोजित किए गए, जिनमें शिक्षकों ने सक्रिय भागीदारी की। प्रमुख सत्रों में शामिल थे:

  • मानव मूल्यों की अवधारणा और उनकी प्रासंगिकता: इस सत्र में मानव मूल्यों की परिभाषा, उनके प्रकार और वर्तमान शिक्षा प्रणाली में उनकी आवश्यकता पर चर्चा की गई।

  • शिक्षण में मानव मूल्यों का समावेश: इस कार्यशाला में शिक्षकों को अपने पाठ्यक्रम में मानव मूल्यों को शामिल करने के तरीकों और रणनीतियों पर प्रशिक्षण दिया गया।

  • मूल्य-आधारित शिक्षा के लाभ: इस सत्र में मूल्य-आधारित शिक्षा के छात्रों, संस्थान और समाज पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला गया।

  • चुनौतियाँ और समाधान: इस चर्चा सत्र में शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए और मानव मूल्यों के शिक्षण में आने वाली चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों पर विचार-विमर्श किया।

शिक्षकों की प्रतिक्रिया और अनुभव

कार्यक्रम में भाग लेने वाले शिक्षकों ने इसे अत्यंत लाभकारी और प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने उन्हें अपने शिक्षण दृष्टिकोण में परिवर्तन लाने और छात्रों के समग्र विकास के लिए नए तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है। कई शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मानव मूल्यों का समावेश न केवल छात्रों के लिए बल्कि शिक्षकों के लिए भी एक सकारात्मक परिवर्तन लाता है।

भविष्य की दिशा और निष्कर्ष

इस तीन दिवसीय फैकल्टी विकास कार्यक्रम ने उच्च शिक्षा में मानव मूल्यों के समावेश की आवश्यकता और महत्व को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया। यह पहल न केवल शिक्षकों के लिए बल्कि पूरे शैक्षिक समुदाय के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करेगी। संस्थान ने भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करने का संकल्प लिया है, ताकि शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके और छात्रों को समावेशी नागरिक के रूप में विकसित किया जा सके।

अंततः, महर्षि अरविंद विज्ञान और प्रबंधन संस्थान का यह प्रयास शिक्षा में गुणवत्ता और नैतिकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत नींव स्थापित करेगा।

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