पड़ताल में गांजा, चरस, अफीम के साथ विभिन्न नशीली दवाओं की तस्करी बढ़ने का पता चला : NCB

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ड्रग्स के खिलाफ अभियान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाएगा। विभिन्न देशों के साथ मौजूदा तंत्र को ज्यादा सक्रिय बनाने और सहयोग के नए क्षेत्र चिन्हित करने की कवायद चल रही है। लगातार बढ़ती ड्रग्स तस्करी को भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी चिंता का विषय माना जा रहा है। इसकी वजह अवैध ड्रग्स तस्करी से होने वाली कमाई का उपयोग आतंकी गतिविधियों में होना है। सूत्रों ने बताया कि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से मजबूत सहयोग के अलावा क्वाड तथा अन्य बहुपक्षीय मंचों पर ड्रग्स विरोधी मुहिम चलाने पर बल दिया जा रहा है। भारत लगातार म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, सिंगापुर के साथ डीजी स्तर की चर्चा कर रहा है। इसके अलावा सार्क ड्रग्स अपराध निगरानी डेस्क, ब्रिक्स, कोलंबो प्लान, आसियान वरिष्ठ अधिकारी स्तर की बैठक, बिम्सटेक, एससीओ, यूएन ऑफिस ड्रग्स्स एंड क्राइम, इंटरनेशनल नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड के माध्यम से भी सूचनाओं का आदान-प्रदान और खुफिया सूचनाओं के नेटवर्क को मजबूत बनाने पर जोर है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, म्यांमार और नेपाल से हेरोइन, कोकीन व मॉर्फीन भारत के रास्ते दुनियाभर में सप्लाई की जाती है। लिहाजा उस रूट पर एनसीबी के अलावा ड्रग्स विरोधी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की निगाह है। अफगानिस्तान दुनिया में अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक है। यहां सालाना 5000 से 6000 टन अफीम पैदा होती है। तालिबान के कब्जे के बाद यहां से ड्रग्स तस्करी की चिंता पहले से ज्यादा बढ़ी है। एजेंसियों का मानना है कि अफगानिस्तान से नाटो सेनाओं की वापसी के बाद अफीम के उत्पादन में और बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका और एशिया यहां की अफीम के सबसे बड़े खरीदार हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2016 में महाराष्ट्र में पुलिस ने 18.5 टन एफेड्रिन बरामद की थी। ब्लड प्रेशर को कम करने वाली इस दवा का इस्तेमाल नशे के लिए भी किया जाता है। एनसीबी की पड़ताल में गांजा, चरस, अफीम के साथ विभिन्न नशीली दवाओं की तस्करी बढ़ने का पता चला है। हेरोइन की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। वहीं, कोकीन को हाई प्रोफाइल पार्टी ड्रग्स्स माना जाता है। इसलिए इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है। भारत के पड़ोसी देशों की सीमाओं पर अलग-अलग ड्रग्स का अवैध कारोबार चिंता का विषय रहा है। PLC

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here