हर सफलता के पीछे संघर्ष का एक लंबा सफर होता हैं , ज़िन्दगी के सभी उतार – चढ़ाव पार करने के बाद ही सफलता की पहली सीढी नसीब होती है , जिसमे इतना मद्दा जाता होता हैं , जिसे अपने ऊपर या अपनी कला पर इतना यकीन होता ही जितना की यह सच है की ” सूरज हैं और हर रोज़ पूरे संसार को अपनी रौशनी से जगमगाता हैं ” उसी को ही सफलता की सुखमय छाव मिलती हैं , संघर्ष सभी कुछ छीन लेता है तो सफलता संघर्ष से कहीं ज़्यादा देती है यह तथ्य जगजाहिर है , ऐसे ही एक शख्सियत हैं पार्श्व गायक नितेश रमन की , जिन्होंने अपने संघर्ष को पराजित कर सफलता के उस मकाम को आज हासिल कर लिए जहां से उनका संघर्ष दर्द अब कम नज़र आता हैं !
पार्श्व गायक नितेश रमन आज किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं , बहुत काम समय में नितेश रमन ने पार्श्व गायिकी में अपना अहम् मकाम बना लिया हैं , नितेश रमन का संघर्ष का सफर इतना भी आसान नहीं था जितना की आज इस ऊंचाइयों पहुंचने के बाद ,आम जनमानस को लगता होगा l हर संघर्ष के बाद मिली सफलता के बहुत सारे ऐसे अँधेरे कोने होते जहां चर्चा का प्रकाश कभी न कभी पड़ना ही चाहिए और पार्श्व गायक नितेश रमन के ऐसे ही कुछ अनछुए पहलुओं जानने की कोशिश की हैं INVC के लिए डॉ संजय कुमार।
ज़ाकिर हुसैन
संपादक
International News and Views Corporation
अंतरराष्ट्रीय समाचार एवं विचार निगम
पार्श्व गायक Nitesh Raman से INVC के लिए डॉ संजय कुमार से एक मुलाकात, विटामिन एम(M) के मयुजिक स्टेशन से कुछ अनछुए पहलुऐ।
बचपन से ही संगीत के प्रति स्पष्ट रूझानऔर ईश्वर प्रदत्त मधुर आवाज़ लोगों को सहज ही आकर्षित करती थी । अपने जीवन के शुरूआती दौर से ही भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज गायकों की गायकी और अच्छे गानों के सुनने तथा समझने की ललक ने , एक Experimentative और Creative Singing को जन्म देना शुरू कर दिया ।
Bollywood इंडस्ट्री में Nitesh Raman ने समकालीन नामी गायक-गायिकाओं के साथ कई सारे गाने गाए । जिसकी शुरूआत एक फिल्म के गाने के साथ हुई और पहला Duet Song कविता कृष्णमूर्ति के साथ गाया। बाद के सालों में कई सारे फिल्म , सिरियल्स तथा म्यूजिक कंपनियों के अन्य प्रोजेक्ट्स में गाए। T-Series , HMV , Venus , Bharat , Surya तथा कई अन्य म्यूजिक कंपनियों के लिए गाने गाए । तकरीबन दस से ज्यादा भाषाओं में इनके गाए गाने – फिल्म , सिरियल्स तथा अन्य प्रोजेक्ट्स में हैं । मुंबई समेत देश के अन्य शहरों तथा महानगरों में म्यूजिक इवेंट कंपनियों द्वारा इनके कंसर्ट्स आयोजित किए जाते हैं । अब तो इनके म्यूजिक शो म्यूजिक थिरेपी के रूप में कई जगहों पर आयोजित किए जाते हैं ।
गायक Nitesh Raman से INVC के लिए डॉ संजय से बातचीत करते समय अपने कुछ अनछुए पहलुओं पर भी रोशनी डाली
प्रश्न –सिंगर बनने की लालसा आपके मन में कब आई
उत्तर- जब मैं छोटा था , तब से ही गाने का शौक था। अच्छे गाने सुनने का शौक था। मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर, मन्ना डे, किशोर कुमार मुकेश आदि के गानों को सुनकर उसके मेलोडी और संगीत की बारीकियों में जाने की दिलचस्पी बढ़ती गई और शायद एक गायक का जन्म हो रहा था।
प्रश्न – सिंगर बनने के लिए आपने क्या-क्या किया ?
उत्तर – मुझे जहां तक लगता है कि किसी सिंगर को बनाया नहीं जा सकता । सिंगर एक व्यक्तित्व है जिसे निखारा जा सकता है । एक कला का आयाम है जिसे संवारा जा सकता है रियाज करना, अच्छा संगीत सुनना और अच्छे लोगों की संगति में रहना, संगीत की सेवा करना और एक्सपेरिमेंटेशन और बारीकियों में जाना इन सभी से गायकी अच्छी होती है और इसी तरीके से मैं अपने आप को ठीक करने की कोशिश करता रहा।
प्रश्न –म्यूजिक इंडस्ट्री में अपने पैर जमाने के लिए आपने कितना संघर्ष किया ?
उत्तर – बाॅलीवुड म्यूजिक इंडस्ट्री में जाने से पहले , अपने राज्य की म्यूजिक कंपनी तथा दिल्ली के कुछ म्यूजिक कंपनीज के साथ गाने निरंतर रिकॉर्ड होते रहते थे और सीखता भी रहता था। और इस तरीके से मुंबई के लिए रास्ता बनता चला गया अपने एमबीए खत्म करने के बाद मुंबई शिफ्ट कर गया और जो कि मैंने पहले काम किया था इसलिए वहां पर मुझे T-series, एचएमवी और दूसरी म्यूजिक कंपनियों में काम करने के रास्ते खुल गए। उसके बाद दूसरी जगह पर भी लोग जाने लगे और सीरियल्स , छोटी फिल्में , और कई अन्य तरीके के प्रोजेक्ट्स जिसमें बहुत सारे भजन भी हैं वह मैं करता चला गया और इस तरीके से फिल्म इंडस्ट्री में धीरे-धीरे पहचान बनी शुरू हो गई।
प्रश्न- संघर्ष के दिनों में किन-किन लोगों ने आप का साथ दिया और किन लोगों ने आपसे दुरियाँ बनाने की कोशिश की।
उत्तर – मुझे लगता है कि अच्छी कला को अच्छी आवाज को , अच्छे संगीत को कोई नकारता नहीं और एक काम के बाद दूसरा काम दूसरे के बाद तीसरा और इस तरीके से लोगों ने मुझे आगे बढ़ने के लिए रास्ता बनाया और इसलिए मैं कह सकता हूं, अपने अनुभव से कि , किसी ने मेरा रास्ता रोकने की कोशिश नहीं की बल्कि अपना आशीर्वाद अपना सहयोग और अपना सपोर्ट मुझे देते रहे।
प्रश्न – वह कौन लोग आपके साथ रहे जिनका आपको सानिध्य मिला ?
उत्तर- मेरी संगीत यह शुरुआत बॉलीवुड में बिल्कुल नीचे के स्तर से हुई ।छोटे-छोटे काम को करता करता मैं ऊपर की तरफ बढ़ता गया और क्रिएटिविटी के तरीके से मैं सीखता चला गया और इसी रास्ते में इसी संगीत के सफर में , मेरी मुलाकात लोगों से होती चली गई जो संगीत के दिग्गज लोग हैं जैसे अनूप जलोटा, सुरेश वाडकर, लता जी और भी काफी लोग से मिलने का मुझे मौका मिला और इस तरीके से उनका आशीर्वाद मिलता चला गया।
प्रश्न – आपके विटामिन M , के अंतर्गत रिवाइवल ऑफ मेलोडी का क्या कांसेप्ट है ?
उत्तर- मुंबई जाने से पहले जिन जिन लोगों को, जिन जिन गायकों को मैंने सुना था वह गोल्डन Era या कंटेंपरेरी के भी अच्छे गायक थे और उन्हीं को सुन सुन के मेरे मन के अंदर भी एक गायक जन्म ले रहा था जिसका टेस्ट जिसकी चॉइस मेलोडियस गाने की थी। जब मुंबई गया और वहां बहुत सारे प्रोजेक्ट्स में गाया। कुछ सालों के बाद ऐसा लगा कि मेलोडी, इंडस्ट्री में कम बन रही है या फिर इतनी अच्छी नहीं बन रही है तो मेरे मन में ख्याल आया कि क्यों न मेलोडी को वापस लोगों तक फिर से परोसा जाए।
इसके दो रास्ते थे – एक जिसमें पहले से रिकॉर्ड किए हुए गाने को फिर से पब्लिक के सामने लेकर आना और दूसरा नए गाने फ्रेश गाने क्रिएट करना ।और इस तरीके से मैंने “रिवाइवल और मेलोडी” का कांसेप्ट बनाया जिसमें मेरे द्वारा अच्छे गानों को, चाहे वह गोल्डन एरा से हो या मेडाइवल से हो या फिर आजकल के गाने हो , अलग-अलग शैलियों में अलग-अलग स्टाइल्स में गाया जाता है और जिसे पब्लिक बहुत पसंद करती है और इस तरीके से रिवाइवल ऑफ मेलोडी का काॅन्सेप्ट मैंने बनाया।इसके अंतर्गत गानों के अलग-अलग स्टाइल्स जैसे- उनके अपने मूल स्वरूप में तथा कई अन्य तरीकों से जैसे अनप्लग्ड स्टाइल, रेट्रो-वर्जन , unwind-style , Lounge style…मेडली form etc. में मेरे द्वारा प्रस्तुति दी जाती है ।
और मुझे इसके अलावा यह बहुत अच्छा लगता है जब इसका प्रयोग थेरेपी के रूप में भी किया जाता है।जो बीमार लोग हैं चाहे वह मानसिक रूप से या किसी अन्य तरीके से परेशान महसूस करते हैं और मेरे गाने सुनने के बाद उन्हें जब बहुत अच्छा लगता है तो मुझे बहुत खुशी होती है और संगीत का यह असर देखकर मैं यह समझता हूं कि रिवाइवल ऑफ मेलोडी का बहुत उज्जवल भविष्य है और लोगों द्वारा इसका समर्थन किया जाना भी तय है।