फिल्मों में राष्ट्रीय विचार का प्रभाव बढ़े। फिल्मों में भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों का प्रतिनिधित्व बढ़े : श्री नरेन्द्र ठाकुर
चित्र भारती फ़िल्म फेस्टिवल-2022 के लिए भूमिपूजन, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में 18 से 20 फरवरी, 2022 को होना है आयोजन
आई एन वी सी न्यूज़
भोपाल,
भूमि पूजन के अवसर पर मुख्य अतिथि श्री नरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि यह स्पष्ट तौर पर दिखाई देता है कि भारतीय फिल्म निर्माता ही भारत की संस्कृति को चोट पहुंचाने वाली फिल्म बनाते हैं। इसलिए आवश्यकता है कि फिल्मों में राष्ट्रीय विचार का प्रभाव बढ़े। फिल्मों में भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों का प्रतिनिधित्व बढ़े। उन्होंने बताया कि समाज को सकारात्मक दिशा देने के लिए समाज की सकारात्मक घटनाओं/बातों पर फिल्में बनाई जानी चाहिए। जिन लोगों ने अपना जीवन का बहुत मूल्यवान समय पर्यावरण, संस्कृति, शिक्षा सहित समाज के अन्य आयामों के संवर्द्धन में लगा दिया, उनके ऊपर फ़िल्म बनानी चाहिए।
श्री ठाकुर ने कहा कि फिल्में समाज को प्रभावित करती हैं। फ़िल्म में दिखाई जाने वाली बातें लोग अपने जीवन में उतारते हैं। इसलिये फ़िल्म कैसी बनें, इस बारे में गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जो अच्छा सिनेमा बन रहा है, उसकी सराहना होनी चाहिए। नये फ़िल्म निर्माताओं को तैयार करने एवं प्रोत्साहित करने के प्रयास करने चाहिए। भारतीय चित्र साधना की संकल्पना बताते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि फ़िल्म के क्षेत्र में चित्र भारती बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। चित्र भारती का यह चौथा राष्ट्रीय आयोजन है। इससे पूर्व इंदौर, दिल्ली और कर्णावती में प्रति दो वर्ष के अंतराल पर राष्ट्रीय लघु फ़िल्म फेस्टिवल के आयोजन हुए हैं।
इस अवसर पर भारतीय चित्र साधना के महासचिव श्री अतुल गंगवार, न्यासी श्री अनुपम भटनागर, श्री आकाश आदित्य लामा, श्री राकेश मित्तल, श्री अरुण अरोरा एवं आयोजन समिति के सचिव श्री अमिताभ सोनी, सह-सचिव श्री आशीष भवालकर, प्रबंधक श्री राजेश जैन, सह प्रबंधक श्री गिरीश जोशी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।