नई दिल्ली,
गौवर्धन पूजा के अवसर पर अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश कौशिक जी की अध्यक्षता में हिन्दू महासभा भवन में राजधानी दिल्ली के हिन्दू संगठनो,गौशालाओं और गौ पालको के प्रतिनिधियों की बडी सभा हुई। जिसमें सभी हिन्दू संगठनों ने चूल्हे की पहली रोटी गाय को खिलाने के धार्मिक रीति रिवाज के पालन में आ रही परेशानी और त्यौहारों पर गाय को भोग लगाने और गौदर्शन में आ रही परेशानियों पर गम्भीरता से चिन्तन किया गया।
सभा में गाय की रोटी आस्था हरण निवारण समिति के संयोजक और दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश जैन ने हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधियों को बताया कि ििआतंकवादी ईसाई मिश्नरियों और सी आई ए के ऐजेन्टों की एक बडी साजिश के तहत हमारे गौ पालको द्वारा दिल्ली में पाली गयी कुछ गायों को आवारा पशु बताकर नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा उठवाया गया। इन्ही आतंकवादी ईसाई मिश्नरियों और सी आई ए के ऐजेन्टों ने नगर निगम की आड लेकर हमारे गौ पालकों द्वारा पाली गयी उन सभी गायों और सान्डों को जो हमारी माताओं और बहनों द्वारा चूल्हे से निकाली गयी पहली रोटी और गुड-चना लेने और दर्शन देने के लिये खुद हमारे घर आती थी मेवात के गौ हत्यारों द्वारा उठवा दिया और गौ कसी करके बिरयानी में मिला-मिलाकर हरियाणा के हिन्दुओं को खिलवाकर उनका धर्म भ्रष्ट किया गया। ताकि धर्म की ताकत गवा चुके धर्म भ्रष्ट हिन्दुओं को आसानी से ईसाई बनाया जा सके। जिसके कारण दिल्ली में गाय की इतनी किल्लत हुई कि आज हम अपने धार्मिक रीति रिवाजों ओर आस्थाओं का पालन नहीं कर पा रहे हैं। जैन ने सभी हिन्दू संगठनों से हिन्दुओं की धार्मिक आस्थाओं की रक्षा करने की गुहार लगायी।
हिन्दू महासभा भवन में आयोजित इस सभा में दुर्गा पूजा महासमिति के संयोजक और अखिल भारत हिन्दू महासभा के पूर्वोत्तर प्रभारी स्वप्न दत्ता ने बताया कि एक गाय ज्यादा से ज्यादा 50 रोटी खा सकती है। जो कि हमारे 25 परिवारों से निकलती है। इसी के साथ ये गाय घरों से निकल रहे फलो और सब्जियों के उन छिलकों को भी खाकर दूध बनायेंगी जिनका कूडा उठाने और उसका निस्तारण करने में नगर निगम को करोडों रुपयें खर्च करने पड रहे हैं। इसके अलावा ये गाय पतझड में गिरे पेडों के उन पत्तों,और सडक किनारे उगी घास को खाकर भी दूध बनाये्रगी जिनको जलाने पर सी आई ए और उसकी फोर्ड फाउन्डेशन की साजिश के तहत भारत सरकार के संसाधनों और बजट को बर्बाद करने में लगे राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा लगायी पाबन्दी के कारण उनको ढोने में हुए अरबों रुपये के खर्च के कारण नगर निगम इतना दिवालिया हो गया है कि उसके पास अपने सफाई कर्मचारियों को देने के लिये वेतन भी नहीं रहा।
सभा में आई आई टी इंजीनियर,प्रसिद्ध हिन्दू चिन्तक और हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. राकेश रंजन ने सुझाव दिया कि धार्मिक रीति रिवाजों के पालन के लिये हर 25 घरों के बीच कम से कम एक गाय का होना बेहद जरूरी है। इससे राजधानी दिल्ली के कूडे से इतना दूध बनेगा कि दिल्ली को बाहर से मिलावटी दूध मंगाने की जरूरत ही नहीं रहेगी। इसी के साथ डा. राकेश रंजन ने हाल ही में गौ मूत्र की रोग नाशक शक्ति की हिन्दू परम्पराओं पर हुई अमेरीकी शोध और पेटेन्ट का हवाला देते भारतीय नस्ल की गायों के मूत्र और गोबर को जीवाणुनाशक और असाध्य रोगों के उपचार में बहु उपयोगी बताते हुए कहा कि दिल्ली में गौ पालन को बढावा देने से न केवल यहां के नागरिकों को शुगर और बल्ड प्रेशर जैसी महामारियों से निजात मिलेगी बल्कि दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य बजट भी बचेगा।
सभा में सभी हिन्दू संगठनों के विचार सुनने के बाद अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश कौशिक जी की अध्यक्षता में गौमाता- आपके द्वार अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गाय की रोटी आस्था हरण निवारण समिति के संयोजक मुकेश जैन को गौमाता- आपके द्वार अभियान का संयोजक, स्वप्न दत्ता को अध्यक्ष,स्वामी त्रिभुवन दास को महामंत्री नियुक्त किया गया। हिन्दू संगठनों ने राजधानी दिल्ली के गौ पालकों को आदेश दिया गया कि हर 25 घरों के बीच कम से कम एक गाय पाली जाये। सभी गौ पालक अपनी पालतू गायों के गले में रस्सी की निशानी या उनके सींगों या खुरों पर रोगन करके रखेगे, ताकि घर-घर रोटी लेने जा रही पालतू गायों को नगर निगम के कर्मचारी आवारा पशु के नाम पर उठाने की हिमाकत न कर सके। हिन्दू महसभा ने राजधानी दिल्ली के सभी गुर्जर भाईयों से अनुरोध किया है कि वें परम्परागत् रुप से गौ पालन करें,यह उनका धार्मिक मूल अधिकार है। जिसमें सरकार बाधा नहीं डाल सकती।
सभा में हिन्दू संगठनों ने दिल्ली नगर निगम,दिल्ली सरकार,दिल्ली पुलिस और केन्द्र सरकार को ज्ञापन देने का भी निर्णय लिया गया कि सरकार संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म को अबाध रुप से मानने,आचरण करने और अनुच्छेद 26 के तहत धार्मिक कायों के प्रबन्धन के धार्मिक संस्थाओं के मूलाधिकार की रक्षा करते हुए हमारे गौपालन के उक्त फैसले को कार्यान्वित कराने में हमें सहयोग प्रदान करे।