‘गौ महाकुंभ’ के अद्भुत और अनूठे आयोजन से “वैश्विक बाजारीकरण में गौ, गव्य और आयुर्वेद से ही स्वास्थ्य और मनुष्यता को बचाया जा सकता है :  डॉ डीपी शर्मा

“गौ सेवा और पंचगव्य पर जोर देते डॉ. डी.पी. शर्मा – जयपुर गौ महाकुंभ”

विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित चार दिवसीय “गौ महाकुंभ” हिंदुस्तान के इतिहास में एक अनूठा कार्यक्रम साबित हुआ। इस दिव्य और भव्य आयोजन में गौ सेवा के महत्व और गौवंश के संरक्षण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।

इस कार्यक्रम में यूनाइटेड नेशंस से जुड़े डिजिटल डिप्लोमेट, अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक एवं स्वच्छ भारत मिशन के प्रधानमंत्री के एंबेसडर डॉ डीपी शर्मा भी पहुंचे। विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक मंच पर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरा है और इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री भारतीय संस्कार, संस्कृति और सभ्यता में गाय के महत्व और पंचगव्य की अवधारणा को दुनियां के हर कोने तक पहुंचाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री जी ने कुछ वर्ष पूर्व विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष डॉ टेडरॉस को भी भारत आमंत्रित किया था । प्रधानमंत्री मोदी ने दर्शाया कि किस प्रकार हम इंडीजीनियस नॉलेज प्रैक्टिस जिसमें आयुर्वेद और गौ के पंचगव्य का विशेष महत्व है को दुनियां के लिए एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित कर सकते हैं।

 

डॉ शर्मा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ भारत मिशन में गौ महाकुंभ के आयोजन ने एक नई नजीर पेश की है और इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट वे प्रधानमंत्री कार्यालय भी भेजेंगे ताकि इस प्रकल्प पर प्रधानमंत्री स्वयं कोई निर्णय लेकर एक बड़ा मिशन चालू कर सकें। ज्ञात रहे कि भारत को पहली बार एक ऐसा सशक्त एवं प्रभावशाली प्रधानमंत्री मिला है।
डॉ शर्मा के साथ गोपालन परियोजना के क्षेत्र में भारतीय आईकॉनिक व्यक्तित्व के रूप में स्थापित रोटेरियन प्रज्ञा मेहता भी महाकुंभ में पहुंची। डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोटरी क्लब 3056 की प्रज्ञा मेहता ने कहा कि भारत को अपनी आर्थिक स्थिति को अगर सुदृढ़ करना है और भारत के किसानों को स्वावलंबी बनाना है तो गोपालन को वैज्ञानिक विधि से पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता होगी और यह महाकुंभ इस दिशा में एक नए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में रोटरी क्लब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेटवर्किंग कर गोपालन और गौ प्रोडक्ट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव मदद करेगा।

डॉ शर्मा ने कहा कि “वैश्विक बाजारीकरण में गौ, गव्य और आयुर्वेद से ही स्वास्थ्य और मनुष्यता को बचाया जा सकता है।
आयोजन समिति के प्रमुख सलाहकार डॉ. पी.एम. भारद्वाज, जो कि चार सरकारी क्षेत्र की यूनिट के एमडी/सीएमडी रह चुके हैं, और कार्यक्रम की आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. लाल सिंह, रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3056 की प्रांत पाल रोटेरियन प्रज्ञा मेहता, एवं गौ महाकुंभ के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर युद्धवीर शर्मा के साथ डॉ शर्मा महाकुंभ की प्रदर्शनी को भी देखने पहुंचे। डॉ शर्मा ने गाय के उत्पादों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत की धरती पर ऐसा प्रतीत होता है कि गौ माता ने एक बार फिर से अपना आशीर्वाद देने के लिए अपनी बाहें खोल दी हैं, हमें इसका स्वागत करना चाहिए और पूरे तन मन धन से इस प्रकल्प में जुड़ जाना चाहिए।

महाकुंभ के प्रमुख सलाहकार डॉ पीएम भारद्वाज ने बताया कि
यह ‘गौ महाकुंभ’ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह गौ-आधारित अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता का एक सशक्त मंच भी है। इस महाकुंभ में गौ गव्य यानी दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर से बनने वाले उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। डॉ भारद्वाज ने इन उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए गौ गव्य प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना पर भी जोर दिया गया, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

कार्यक्रम में गोकुल ग्राम संरचना की अवधारणा को साकार रूप देने के लिए उसके विस्तृत रोड मैप को आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ लाल सिंह ने विस्तार से समझाया कि किस प्रकार,गायों के संरक्षण के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट और फाइनेंस जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य गौवंश को केवल पशुधन के रूप में नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में स्थापित करना है। इस आयोजन ने कई लोगों को रोजगार प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो कि एक सकारात्मक पहल है।

डॉ पीएम भारद्वाज ने बताया कि इस ‘गौ महाकुंभ’ ने न केवल गौ सेवा की अलख जगाई, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे हम अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत को आधुनिक तकनीकों और आर्थिक मॉडलों के साथ जोड़कर एक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर सकते हैं।

भारद्वाज फाउंडेशन जयपुर के संस्थापक अध्यक्ष डॉ पीएम भारद्वाज का विजन‌ है कि भारत दोबारा सोने की चिड़िया एवं विश्व गुरु बने। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति की पुनर्स्थापना और गायों को महत्व देने से भारत दोबारा विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनेगा।

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