मोटिवेशनल गुरु डॉ पीएम भारद्वाज बने “योग विज्ञान और वैदिक अनुसंधान एवं सोसाइटी, अमेरिका” के ग्लोबल चीफ एडवाइजर एवं कंसलटेंट

आई एन वी सी न्यूज़
मैरीलैंड, अमेरिका
– : भारत की प्रेरणास्पद शख्सियत और राष्ट्रीय स्तर के मोटिवेशनल गुरु डॉ. पीएम भारद्वाज को एक और वैश्विक पहचान मिली है। योग विज्ञान और वैदिक अनुसंधान सोसाइटी (YOGSVR), अमेरिका ने उन्हें अपना ग्लोबल चीफ एडवाइजर एवं कंसल्टेंट नियुक्त किया है। इस प्रतिष्ठित घोषणा के साथ, भारतीय संस्कृति और वैदिक ज्ञान का परचम अब और अधिक ऊँचाइयों तक पहुँचने को तैयार है।

योग विज्ञान और वैदिक अनुसंधान सोसाइटी: एक वैश्विक मंच

YOGSVR, अमेरिका की एक प्रतिष्ठित गैर लाभकारी संस्था है जो भगवद्गीता, वेदों और भारतीय शास्त्रों के मूल्यों का वैश्विक प्रचार-प्रसार कर रही है। इस संस्था द्वारा भगवान श्री जगन्नाथ जी का मंदिर और एक आधुनिक गौशाला की स्थापना मैरीलैंड में की गई है। इस संस्था की नींव श्री राधा रमण दास जी ने रखी है, जिनका उद्देश्य है भारत के सनातन सिद्धांतों और गौरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को वैश्विक पटल पर प्रस्तुत करना।

डॉ. पीएम भारद्वाज: भारत के प्रेरणा स्रोत

डॉ. पीएम भारद्वाज केवल मोटिवेशनल स्पीकर नहीं हैं, बल्कि वे एक यथार्थवादी विचारक, उत्कृष्ट प्रबंधन सलाहकार और गौरक्षा आंदोलन के अग्रदूत भी हैं। उन्होंने भारत में कॉर्पोरेट नेतृत्व से लेकर युवा प्रेरणा, स्टार्टअप मार्गदर्शन से लेकर वैदिक विज्ञान में अनुसंधान तक विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय योगदान दिया है।

डॉ. भारद्वाज को “ग्लोबल चीफ एडवाइजर एवं कंसल्टेंट” नियुक्त करने पर YOGSVR के संस्थापक श्री राधा रमण दास ने कहा,

“डॉ. भारद्वाज के विचारों में भारतीय संस्कृति की आत्मा झलकती है। हमें गर्व है कि हम उनके मार्गदर्शन में संस्था को वैश्विक दिशा प्रदान कर पाएंगे।”

गौमाया और गौ महाकुंभ 2025 के रणनीतिक मार्गदर्शक

डॉ. भारद्वाज को प्रसिद्ध भारतीय स्टार्टअप “गौमाया” और आगामी “गौ महाकुंभ 2025” के मुख्य सलाहकार के रूप में भी जाना जाता है। “गौमाया” एक ऐसा ब्रांड है जो गौ आधारित उत्पादों को आधुनिक रूप में प्रस्तुत कर रहा है, ताकि यह भारत के ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सके। वहीं, “गौ महाकुंभ 2025” एक ऐतिहासिक आयोजन होगा जो गौसंवर्धन, गौशालाओं के आधुनिकीकरण और जैविक जीवनशैली को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

डॉ. भारद्वाज द्वारा गौगव्य उत्पादों पर वर्षों से किया जा रहा अनुसंधान इस दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है। उन्होंने अपने कार्यों से यह सिद्ध किया है कि गौ आधारित उत्पाद भारत की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बन सकते हैं।

वैश्विक स्तर पर भारतीय वैदिक ज्ञान का विस्तार

डॉ. भारद्वाज की नियुक्ति केवल एक औपचारिक घोषणा नहीं है, यह एक संस्कृतिक क्रांति की ओर पहला कदम है। YOGSVR जैसे संस्थानों के माध्यम से वे अमेरिका, यूरोप और एशिया में फैले भारतीय मूल के लोगों और वैदिक संस्कृति में रुचि रखने वाले विदेशियों के लिए एक मार्गदर्शक बनेंगे।

उनकी कार्यशैली आधुनिक कॉर्पोरेट रणनीतियों और प्राचीन वैदिक सिद्धांतों के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है। उनकी प्रस्तुतियाँ, भाषण और कार्यशालाएँ आज हजारों युवाओं और उद्यमियों को आत्मनिर्भरता, नेतृत्व और आत्मविकास की प्रेरणा दे रही हैं।

प्रबंधन शिक्षा और वैदिक तत्वज्ञान का संगम

डॉ. पीएम भारद्वाज की विशेषता है कि वे मैनेजमेंट थ्योरीज़ को भारतीय शास्त्रों के साथ जोड़कर प्रस्तुत करते हैं। उनके अनुसार, “भगवद्गीता ही विश्व की सबसे श्रेष्ठ प्रबंधन पुस्तक है“, और वे इसे अपने कोर्सेज, व्याख्यानों और कार्यशालाओं में बखूबी प्रस्तुत करते हैं।

उनकी इस विलक्षण शैली ने उन्हें कॉर्पोरेट ट्रेनिंग, लीडरशिप डिवेलपमेंट और वैदिक मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक प्रमुख हस्ताक्षर बना दिया है।

डॉ. भारद्वाज की नियुक्ति का महत्व

YOGSVR द्वारा की गई यह नियुक्ति केवल सम्मान नहीं है, यह भारत की सांस्कृतिक शक्ति और गूढ़ ज्ञान को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने का एक सशक्त माध्यम है। यह बताता है कि भारतवर्ष के पास न केवल प्राचीन ज्ञान है, बल्कि ऐसे नेता और चिंतक भी हैं जो उसे आधुनिक संदर्भों में प्रस्तुत कर सकते हैं।

डॉ. पीएम भारद्वाज की नियुक्ति वैदिक परंपराओं के वैश्विक विस्तार, गौ संरक्षण और भारतीय मूल्यों के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह केवल एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय ज्ञान, योग, संस्कृति और चेतना की विजय है।

YOGSVR, अमेरिका जैसे प्रतिष्ठित मंच से जुड़कर डॉ. भारद्वाज अब वैश्विक स्तर पर भारतीय वैदिक परंपरा के दूत बनकर कार्य करेंगे, जो निश्चित ही आने वाले समय में भारत के लिए एक गौरवशाली युग की शुरुआत करेगा।

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