बैठक में दारा सेना के अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने कहा कि जिस सर्वोच्च न्यायालय पर संविधान की रक्षा का दायित्व है,उसके मुख्या ही प्रधानमंत्री द्वारा बुलायी बैठक में भाग न लेकर संविधान की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं। संविधान ने संविधान में संशोधन करने और नियम बनाने का दायित्व स्पष्टतः संसद को दिया हैं। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश का एक ही काम है वह संसद द्वारा बनाये नियमों की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करे। यह निश्चय ही रक्षकों के भक्षक बनने का गम्भीर मामला ही नहीं बल्कि संसद की सर्वोच्चता को भी चुनौती है।
बैठक में दारा सेना के महामंत्री स्वामी ओम जी ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि न्यायपालिका में घुस चुके भ्रष्टाचार का पूर्ण रूप से खात्मा किया जाये। हाल ही में न्यायपालिका ने हिन्दुत्व के खिलाफ जिस प्रकार के फैसले आतंकवादी ईसाई मिश्निरियों के कथित एन जी ओ की याचिकाओं पर सुनवायी करते हुए दिये वह निश्चय ही चिन्ता जनक है। जिनमें प्रमुखतः दिल्ली से आवारा पशुओ के नाम पर गायों को उठवा कर हिन्दुओं को गाय की रोटी देने और गाय के दर्शन कराने से वंचित करना। हनुमान भक्तों का बन्दरों को केले आदि खिलाने पर दण्डात्मक प्रतिबन्ध लगाना। यमुना जल को शुद्ध करने के लिये हिन्दुओं द्वारा विसर्जन की जा रहीं हवन सामग्री और मछलियों के चारे के लिये फूल विसर्जन पर आस्थावान हिन्दुओं पर 5000 रुपये का दण्ड रखना निश्चय ही न्यायालय द्वारा हिन्दुओं की धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाने का गम्भीर मामला है।
इसी के साथ सोनिया गांधी के ईसाई राज में नियुक्त न्यायधीशों ने ध्वनि प्रदूषण के नाम पर जागरण,अखण्ड रामायण पाठ,रामलीला,दीवाली के पटाखे आदि पर रोक लगाकर हिन्दुओं की धार्मिक आस्थाओ को लगातार कुचला है।
बैठक में दारा सेना ने गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह जी और मोदी सरकार की प्रशन्सा की कि सरकार ने विदेशी फंड की मदद से देशद्रोही साजिशों में लिप्त 9000 से अधिक आतंकवादी ईसाई मिश्निरियाों के आतंकवादी एन जी ओ पर प्रतिबन्ध लगाया । दारा सेना ने सरकार से मांग की हैं कि वह जांच कराये कि हिसाब-किताब न देने वाली इन आतंकवादी एन जी ओ नें हिन्दुओं के विरूद्ध कानून बनवाने और विनायक सेन जैसे देशद्रोहियों को छुडवाने के लिये कितने हजार करोड रूपये उच्च और उच्चतम न्यायालय के प्रशान्त भूषण जैसे वकीलों और के जी बालाकृष्णन् जैसे भ्रष्ट ईसाई न्यायधीशों को रिश्वत देने में खर्च किये हैं।