अपने उद्घाटन भाषण के दौरान महान शिक्षाविद एवं राष्टपति पुरस्कार से पुरस्कृत स्वामी राम्प्रपनाचार्य ने स्व० मुखिया जी पर प्रकाश डालते हुए कहा की स्व० मुखिया किसानो के मसीहा थे .एक समय में आम किसान तो दूर जज और कलक्टर के हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन बंजर पड़ी थी .नक्स्सलियों के डर से उस उस खेत का मालिक एवं मजदूर खेत पर नहीं जाता था .आज उन सभी खेतों पर खेती का कार्य हो रहे हैं और किसान और मजदूर खुशहाल हैं ..मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा० सी पी ठाकुर ने कहा की जब पूरा प्रदेश नक्स्सलियों से तवाह था तो ये शक्स अर्जुन की भाति हाथ में गांडीव लेकर शांति का माहौल कायम करने का कार्य किया .पूर्व विधायक अख़लाक़ अहमद ने कहा की जब तक चाँद और सूरज रहेंगे तब तक किसान और मजदूर मुखिया जी की याद करते रहेंगे .पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वरिस्ट कांग्रेसी नेता श्री अखिलेश शर्मा ने स्व० मुखिया जी को स्राधांजलि तो दी ही साथ ही उन्होंने कहा की अगर डॉ० सी पी ठाकुर जीजी की पार्टी इन्हें मुख्य मंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करती है तो बिहार के ब्रम्हऋषि एक होकर समर्थन देने का कार्य करेंगे .इनलोगों के अलावा बक्सर के लाल पासवान और मोतिहारी के मनोज यादव ने भी सभा को संबोधित कर स्व० मुखिया को स्रधांजलि दी .
इस सभा की विसेषता यह थी की हाँल खचाखच भरा था .बक्ताओं की बातें लोग ध्यान से सुन रहे थे.कुछ उत्साही युवक विच -बिच में नारा लगा रहे थे कि बाबा हम शर्मिंदा है जबतक जबतक तेरा हत्यारा जिन्दा है .ब्रम्हेश्वर मुखिया अमर रहे .