डॉ शर्मा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोविड डिप्लोमेसी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रशंसा को भी उद्धृत किया
आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली ,
एम वी मुतैयाह गवर्न्मेंट आर्ट्स कॉलेज डिंडीगुल तमिलनाडु में दो दिवसीय इंटर डिसिप्लनरी अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस आईसीएचएएसएच का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत देश विदेश से आए अतिथियों ओर शोधार्थियों के स्वागत के साथ शुरुआत हुई। वरच्वल दीप प्रज्वलन के पश्चात के उद्घाटन सत्र को कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ लक्ष्मी और कांफ्रेंस कन्वीनर डॉ ए सुबरमनी ने सम्बोधित किया।
इस कांफ्रेंस में मुख्य अतिथि एवम् वक्ता (कीनोट स्पीकर) संयुक्त राष्ट्र की आईएलओ के आईटी परामर्शक और स्वच्छ भारत अभियान के राष्ट्रीय ब्रांड एंबेसडर प्रोफेसर डी पी शर्मा ने कॉन्फ्रेंस की मुख्य थीम की वर्तमान समय के अनुसार इसकी प्रासंगिकता पर विचार रखे। डॉ डीपी शर्मा ने कहा कि यदि हमने बदलते हुए समय की आवश्यकता अनुसार स्वयं को री इन्वेंट नहीं किया तो कोविड-19 बाद की स्थितियां रोजगार की दृष्टि से अत्यंत भयावह हो सकतीं हैं।
डॉ शर्मा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोविड डिप्लोमेसी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रशंसा को भी उद्धृत किया।
दो दिवसीय इस अन्तर विषयी अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में दो दिन तक विविध समसामयिक मुद्दों पर गहन विमर्श किया गया। गूगल मीट के माध्यम से ओनलाइन कांफ्रेंस में बोलते हुए डॉ शर्मा ने स्टेट ऑफ आर्ट्स टेक्नोलॉजी का कला, कृषि और विज्ञान के क्षेत्र में उपयोग को विभिन्न आयामों के माध्यम से समझाया। उन्होंने टैक्नोलॉजी कन्वर्जेंस के उपयोग और चुनौतियों पर भी पश्चिम और पूर्वी देशों के तुलनात्मक अध्ययन को विस्तार से समझाया। डॉ शर्मा ने कहा कि विज्ञान और तकनीक की दुनिया बहुत ही खूबसूरत भी है और खतरनाक भी मगर इस्तेमाल सावधानी से होना चाहिए।
इसे भी पढ़े : डॉ डीपी शर्मा के संघर्ष और दृढ़ संकल्प के बारे में एक अनकही कहानी