आई एन वी सी ,
रोहतक,
19 अप्रैल। इसे चुनाव आयोग की लापरवाही कहे या कोई साजिश, लेकिन मामला काफी गंभीर है। रोहतक लोकसभा के तहत आने वाले 22 फीसदी सैनिकों तक पोस्टल बैलट पहुंचने से पहले ही चुनाव अधिकारी के कार्यालय में वापस आ गये। मामले का जिक्र करें तो चुनाव आयोग ने रोहतक लोकसभा क्षेत्र के 26 हजार सैनिकों को अपने मत का प्रयोग करने के लिए बैलट पेपर भिजवाए थे। चुनाव आयोग से मिले आंकडो के मुताबिक 26 हजार में से अब तक पांच हजार आठ सौ चालीस पोस्टल बैलट बिना डिलीवर हुए वापिस आ चुके है। आंकडों के मुताबिक केवल 44 बैलट ही वोट के रूप में अभी तक वापस आए है। जो पोस्टल बैलट बिना डिलिवर हुए वापिस आए है वे आंकडो के हिसाब से 22.46 प्रतिशत बैठते है। गंभीर बात यह है कि अनेक पोस्टल बैलट बिना एपीओं की मोहर लगे वापिस आ गए है। ध्यान रहे कि डिफैंस के पत्र व्यवहार में सबसे पहले कोई भी डाक एपीओ को जाती है। इसका मतलब यह हुआ कि डाक या तो भेजी नही गई या हाईजैक कर ली गई। इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी ओमप्रकाश धनखड ने इस मामले में षडयंत्र होने का अंदेशा जताया है। उन्होंने कहा कि फौज की डाक डिलीवर न होना हैरानी की बात है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से इस मामले में गडबडी की बूं आ रही है, उससे लगता है कि यह न केवल सैनिकों के मत देने के अधिकार का हनन है, बल्कि इसके जिम्मेदार लोगों को चिन्हीत किया जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम मामले की जांच के लिए प्रदेश चुनाव आयोग को लिखित शिकायत भेज रहे है। उन्होंने मांग की कि जो मत पत्र बिना डिलवरी के वापिस आए है, उन्हें दोबारा भेजा जाएं, ताकि सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।