लखनऊ,,
किसान हितैषी का दम भरने वाली प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित न करके किसानों को छलने का कार्य कर रही है। उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने आज यहां जारी बयान में कहा कि गन्ने का पेराई सत्र की शुरूआत हुए लगभग एक माह व्यतीत हो चुके हैं और राज्य सरकार द्वारा अभी तक समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया गया है जिससे गन्ना किसान अपने खेतों में खड़े गन्ने को औने-पौने दामों में बिचौलियों के हाथों बेंचने को मजबूर हो रहे हैं और राज्य सरकार किसान विरोधी रवैया अपनाये हुए है। प्रवक्ता ने कहा कि गन्ना पेराई सत्र अमूमन अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवम्बर के प्रथम सप्ताह के बीच शुरू हो जाता है किन्तु प्रदेश की लगभग आधी चीनी मिलों ने ही पेराई शुरू की है शेष आधी बंद पड़ी हैं। जिसके कारण किसानों की रवी की फसल की बुआई भी प्रभावित हो रही है। उन्होने कहा कि इतना ही नहीं, एक ओर जहां राज्य सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित नहीं कर रही है वहीं गन्ना किसानों का बकाया भुगतान भी नहीं किया जा रहा है जिसके कारण उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। श्री मदान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जो किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की गयी है वह केवल किसानों को धोखा देना है क्योंकि सिर्फ एक ही बैंक से ऋण लेने वाले किसानों की ऋणमाफी की गयी है तथा साथ ही तकनीकी शर्तें भी लगा दी गयी हैं, इन सबसे किसान खुद को ठगा महसूस कर रहा है। उन्होने कहा कि प्रदेश के किसान विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों से भी कृषि ऋण लेते हैं, इसलिए राज्य सरकार को यदि किसानों के ऋण माफ करने ही थे उसे सभी प्रकार के बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए था। प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र की यूपीए सरकार ने किसानों की कर्जमाफी योजना में सभी प्रकार के बैंकों के किसानों के ऋण माफ किये थे जिससे पूरे देश के करोड़ों किसानों को फायदा मिला था। उन्होने कहा कि राज्य सरकार को भी यूपीए सरकार की ही भांति सभी बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों के कर्ज माफ करने चाहिए। श्री मदान ने कहा कि एक ओर जहां गन्ना किसान समर्थन मूल्य घोषित न होने से परेशान है, बकाये गन्ने के भुगतान के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है वहीं रवी की फसल की बुआई शुरू होने के पश्चात सिंचाई की समस्या से जूझ रहा है। प्रदेश की सभी नहरें सूखी पड़ी हैं, टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है तो राज्य सरकार किस तरह मुफ्त सिंचाई की बात कह रही है। वास्तव में राज्य सरकार किसानों को मुफ्त सिंचाई की घोषणा करके किसानों के जले पर नमक छिड़कने का कार्य कर रही है। उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी मुख्यमंत्री जी से मांग करती कि उपरोक्त किसानों की सभी समस्याओं का तुरन्त निराकरण कराते हुए गन्ने का समर्थन मूल्य 325 रूपये प्रति कुंतल की घोषणा करने के साथ ही साथ बंद पड़ी सभी चीनी मिलों को चालू कराकर उ0प्र0 के गन्ना किसानों को राहत देने का कार्य करें।
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