एक फाइल क्लीयर करने के बदले 10 करोड़ रुपए – एजेंसियां जुटी जांच में

गुजरात के पूर्व चीफ सेक्रेटरी के करप्शन का बड़ा मामला सामने आया है। गांधीनगर सचिवालय में बड़े पद पर रहे इस आईएएस ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में बड़ा घोटाला कर दिया। अधिकारी ने पीएम के ही प्रोजेक्ट की एक फाइल क्लीयर करने के बदले 10 करोड़ रुपए लिए। रकम हवाला से दुबई भी ट्रांसफर करवा दी।
गांधीनगर सचिवालय के एक उच्च अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इस पूर्व चीफ सेक्रेटरी ने नौकरी के आखिरी हफ्ते में भाजपा के एक सांसद की कंपनी की फाइल क्लीयर की थी। अधिकारी ने इसके बदले में 10 करोड़ रुपए लिए थे, जिसे हवाला के जरिए दुबई ट्रांसफर करवा दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधिकारी ने जब हवाला के जरिए यह रकम दुबई ट्रांसफर करवाई, तो इसकी भनक एन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट (ईडी) को लग गई। इसी के चलते ये रिटायर्ड अधिकारी ईडी के लपेटे में आए। ऐसी भी जानकारी मिल रही है कि ईडी द्वारा अधिकारी से पूछताछ भी की जा चुकी है और आगे की कार्रवाई जारी है।
सचिवालय से ही मिली जानकारी के अनुसार करप्शन के मामले में फंसे अधिकारी हमेशा से गुजरात सरकार की गुड लिस्ट में रहे थे। लेकिन, अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में इन्होंने कमाई करने की योजना पर काम किया। इस दौरान इन्होंने और भी कई फाइलें क्लीयर की या करवाई हैं, इसे लेकर अब अन्य एजेंसियां भी इसकी जांच में जुट गई हैं। पीएलसी।PLC.

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