सहायता करना हम सबका कर्तव्य

आई एन वी सी न्यूज़
रायपुर,
छत्तीसगढ़ के राज्य मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम.के. राउत ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम सरकार को पारदर्शी बनाती है। सरकार को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से ही सूचना आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत नागरिकों को सरकार के काम-काजों के बारें में जानने का अधिकार दिया गया है। अधिनियम के तहत नागरिकों के  अधिकार की सुरक्षा और सहायता करना हम सबकी कर्तव्य है। श्री राउत आज सिविल लाईन स्थित नवीन विश्राम भवन के सभाकक्ष में नगरीय निकायों के प्रथम अपीलीय अधिकारियों और जन सूचना अधिकारियों के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए आयोजित राज्य स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यशाला का आयोजन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा की गई थी।

कार्यशाला में श्री राउत ने बताया कि अधिनियम के जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारियों जो समय-सीमा मंे जानकारी उपलब्ध नहीं कराये जाने कारण ही जनता सूचना आयोग को अपील करते हैं। सूचना के अधिकार के तहत जनता को सरकार के कार्यों की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है, यदि इस अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों में चाही गई जानकारी को प्रारंभिक स्तर पर ही समय-सीमा मंे उपलब्ध करा दिया जाए तो न केवल बहुत सारी परेशानियों से बचा जा सकता है। अपितु आयोग में भी अनावश्य प्रकरणों में कमी आयेगी। श्री राउत ने कहा कि सूचना आयोग उद्देश्य जनसूचना अधिकारियों पर पेनाल्टी करना नही है, जन सूचना अधिकारी द्वारा छोटी-छोटी कमियों को सुधारकर अधिनियम का बेहतर क्रियान्वयन किया जा सकता है। जैसे कार्यालय में जिस स्वरूप में जानकारी उपलब्ध है वे जानकारी देना चाहिए। मूल स्वरूप में छेड़छाड़ न हो, बार-बार एक ही जानकारी चाही गई हो तो देने के लिए बाध्य नही है, आवेदन अस्पष्ट है तो आवेदक से चाही गई सही जानकारी ले, आवेदक को अधिनियम के तहत लागू शुल्क और निःशुल्क की स्थिति के बारे में बता देना चाहिए आदि। सरकार के नीतिगत दस्तावेजों जिसकी जानकारी उपलब्ध नहीं करायी जा सकती है।ंस्पष्ट कर देनी चाहिए।

राज्य सूचना आयुक्त श्री मोहनराव पवार ने कार्यशाला में कहा कि सूचना के अधिकार के अंतर्गत जनसूचना अधिकारी इस अधिनियम की रीढ़ है। इस अधिनियम के तहत जनता को जानने का अधिकार है। जनता सूचना के अधिकार के तहत कोई जानकारी मांगती है तो उन्हें जानकारी उपलब्ध कराना हम सबकी कर्तव्य है। उन्होंने जन सूचना अधिकारियों द्वारा प्राप्त आवेदनों का प्रारंभिक स्तर पर गहन अवलोकन पर बल दिया। ताकि प्रांरभिक स्तर पर ही चाही गई जानकारी के संबंध में समझा जा सके और प्रकरण का त्वरित निराकरण हो सके। श्री पवार ने बताया कि समय-सीमा के भीतर जानकारी उपलब्ध नही करा पाने की स्थिति में समस्या बढ़ जाती। इसलिए अन्य कार्यालयीन काम-काज के समान ही प्राथमिकता के तौर पर आवेदको को जानकारी उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ गोपनीय जानकारी जो वास्तव में नहीं दी जा सकती ऐसे तथ्यों की जानकारी देने से बचना चाहिए। किसी कार्य की पूर्णतः की स्थिति हो जाने पर ही जानकारी उपलब्ध काराना चाहिए। कार्यशाला को राज्य सूचना आयुक्त श्री अशोक अग्रवाल ने भी सम्बोधित किया। श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रथम अपीलीय अधिकारी का दायित्व है कि पारित आदेश का कार्यन्वयन हो और उसका सतत् मॉनिटरिंग करना चाहिए। कार्यशाल में प्रोफेसर डॉ. तपेशचन्द्र गुप्ता ने सूचना के अधिकार के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। मुख्य सूचना आयुक्त श्री राउत ने उपस्थित प्रथम अपीलीय और जन सूचाना अधिकारियों द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के संबंध में पूछे गए विभिन्न सवालों के जवाब दिए। नगरीय प्रशासन विभाग की विशेष सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी. ने स्वागत भाषण दिया। इस मौके पर अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। कार्यशाला मंे आयोग के सचिव श्री संजय दीवान, उप सचिव श्री व्ही. के आदिले, अपर संचालक श्री सौमिल रंजन चौबे, रायपुर नगर निगम के आयुक्त श्री शिव अनंत तायल, श्री पी.बी. काशी सहित अन्य नगर निगमों  के कमिश्नर सहित बड़ी संख्या मंे नगरीय निकायों के प्रथम अपीलीय उपस्थित थे।



LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here