आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली ,
मैत्रेयी कॉलेज़ के समर्थ ईकाई द्वारा शैक्षणिक सत्र 2018-19 हेतु रीडर एवं राईटर बैंक का नवीनीकरण किया गया। यह बैंक ब्लाइंड लोगों के सहयोग के लिए कार्य करता है। गौरतलब है कि गत माह ही इसके लिए मैत्रेयी कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं से आवेदन मांगे गए थे। इसके लिए साठ से अधिक छात्राओं ने अपना नामांकन भी किया था। जिनमें से लगभग पच्चीस छात्राओं को उनकी योग्यता, अभिरुचि एवं साक्षात्कार में दिए गए उत्तर के आधार पर अन्तिम रूप से चयनित किया गया।
हिंदी, संस्कृत अथवा अंग्रेजी में लेखन एवं वाचन की योग्यता को इस चयन का मुख्य आधार बनाया गया था। यह चयन मैत्रेयी कॉलेज की प्राचार्या डॉ. हरित्मा चोपड़ा द्वारा निर्दिष्ट एक साक्षात्कार समिति द्वारा किया गया। अर्थशास्त्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर निधि चांद, समर्थ इकाई के संयोजक डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, अंग्रेजी विभाग की अध्यापिका श्रीमती स्मृति सिंह एवं संस्कृत विभाग की शिक्षिका डॉ. कुमुद रानी गर्ग इस चयन समिति के सदस्य के रूप में अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया। ध्यातव्य है कि रीडर एवं राईटर बैंक के लिए जिन छात्राओं का चयन किया गया है, वे कॉलेज के ब्लाइंड शिक्षकों-छात्राओं के अलावा समीपस्थ स्कूलों के जरूरतमंद छात्र-छात्राओं तथा जो लोग किसी भी कारण से लिखने या पढ़ने में असमर्थ होते हैं, उनके लिए लेखन एवं वाचन का कार्य करते हैं। यही नहीं, आवश्यकतानुसार दिल्ली में स्थित किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज के ब्लाइंड विद्यार्थी अथवा लेखन एवं पठन समस्या से जूझ रहा कोई भी विद्यार्थी इस बैंक से सहायता ले सकता है। यहां यह भी बताते चले कि इस बैंक को बनाने का श्रेय समर्थ इकाई के संयोजक डॉ. प्रमोद कुमार सिंह को है, जिनकी पहल पर वर्ष 2012 में इस बैंक का निर्माण किया गया था। तब से लेकर आज तक, इस बैंक का प्रत्येक वर्ष नवीनीकरण किया जाता रहा है।इस शैक्षणिक सत्र में जिन छात्राओं का चयन किया गया है, उनमें परिणा शर्मा, सुहानी, निधि, खुशबू, आस्था भट्नागर, दीप्ति, संगीता,तान्या, नन्दिनी बसाक, स्नेहा कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, कृतिका गोयल, शिवानी शर्मा, विधि राजपूत, मणि झा, आरती, कंचन, प्रीति आनन्द, निशा नक्सर, प्रतिभा कुमारी, राखी शर्मा,सुप्रिया कुमारी, नीतु, निशा इत्यादि सम्मिलित हैं। मैत्रेयी कॉलेज में अध्यापनरत प्रज्ञाचक्षु अध्यापकों एवं अध्ययनरत जरूरतमंद विद्यार्थियों की संख्या को मद्देनजर रखते हुए इस बैंक में सबसे अधिक वे छात्र चयनित हुए हैं, जो संस्कृत अथवा हिंदी भाषा में वाचक एवं लेखक के रूप में कार्य करने में सक्षम हैं।