आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली ,
जमीअत उलेमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा फतवा पर लगाए गए प्रतिबंध को संविधान के मौलिक अधिकारों और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बताया है। मौलाना मदनी ने कहा कि जमीअत उलेमा ए हिंद इस पर चुप नहीं रहेगी और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी।
उन्होंने कहा कि फतवा किसी को मजबूर नहीं करता है, बल्कि वे पूछने वाले के जवाब में एक दीनी रहनुमाई है, इस तरह से इसे मानवता और क़ानून के खिलाफ कहा हरगिज़ नहीं कहा जा सकता। मौलाना मदनी ने आश्चर्यच वयक्त किया कि न्यायाधीश ने केवल एक दिन के अंदर एक वकील द्वारा प्रस्तुत समाचार पत्र की प्रस्तुति के आधार पर फैसला कर दिया, और घटना के लिए किसी भी जांच की आवश्यकता महसूस नहीं की। जबकि सच ये है कि घटना का फतवा के साथ कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक समाचार पत्र में ये लिखा है कि यह पंचायत का निर्णय था, वहां किसी मुफ़्ती और आलिम का नाम भी नहीं है।
मौलाना मदनी ने इस संकल्प का इज़हार किया कि जमीअत उलेमा ए हिंद मुस्लिम अल्पसंख्यक के धार्मिक अधिकारों और पहचान के लिए हर संभव संघर्ष जारी रखेगी और इस संबंध में वकीलों से सलाह करने के बाद अदालत में पूरी ताकत से अपना पक्ष पेश करेगी ।