“अर्थ सत्य´´भारत निर्माता

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रामदीन**
हड़तालो पर रोक लगाता, कहीं अगर बी0एन0 (भारत निर्माता) बन जाता,
आम नागरिक और व्यापारी कभी नहीं हड़ताल पे जाता,
एक को अपने पेट की चिन्ता, दूजे को भण्डार सताता।
हड़तालों पर रोक लगाता, कहीं अगर बी0एन0 बन जाता।
बनने को सरकारी सेवक पहले नाक रगड़ता है,
हर हालत में किसी शर्त पर सेवा का दम भरता है।
जतन जुगाड़ से पाकर कुर्सी, सोच तुरन्त बदलता है,
उल्टी सीधी मांगे रखकर, फिर हड़ताल कराता है।
कामचोर मक्कार, निकम्मों की फौज बनाता है,
चौराहे पर जाम लगा सत्ता को आंख दिखाता है।
“नहीं करोगे बन्द काम को´´ पहले यह पुरनोट लिखाता,
कदम रखोगे फिर दफ्तर मे वरना घर की राह दिखाता।
हड़तालों पर रोक लगाता कहीं अगर बी0एन0. बन जाता ।।
हड़तालों की बन्दी से ही प्रगति का पहिया तेज चलेगा,
धन और धान्य की फसल उगेगी खुशहाली का देश बनेगा,
मई दिवस पर पाकर छुट्टी श्रम संघों ने खुशी मनाई
मगर दिहाड़ी मजदूरों के घर में उस दिन मातम छाई
एक मई को इन्हीं दरिद्रों को भी कुछ इमदाद दिलाता
हड़तालों पर रोक लगाता, अगर कहीं बी0एन0 बन जाता।

**रामदीन
जे-431, इन्द्रलोक कालोनी
कृश्णा नगर, कानपुर रोड, लखनऊ

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