जमीयत उलेमा-ए-हिंद की माली मदद से 8 कैदी तिहाड़ जेल से आजाद

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आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली,

समाज सेवा में हमेशा आगे रहने वाली संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद की माली मदद से आज तिहाड़ जेल से 8 कैदी आजाद हुए जो सिर्फ माली जुर्माना अदा न करने की वजह से जेल में बंद थे. इस संबंध में तिहाड़ जेल में एक प्रोग्राम का भी आयोजन किया गया, जिसमें जेल डायरेक्टर जनरल अजय कश्यप ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद और उसके जनरल सेक्रेटरी मौलाना महमूद मदनी की इंसानी हमदर्दी की बुनियाद पर की जाने वाली इस खिदमत को अनमोल बताया. उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद को मैं बरसों से जानता हूं. उसकी सेवाएं काफी ज्यादा है, और उसके काम कार्य सराहनीय हैं.

उन्होंने कहा कि मुझे भी दुख होता है जब कोई गरीब क़ैदी जुर्माना अदा न करने की वजह से यहां बंद रहता है. आज जमीयत जैसी संस्था इनकी सेवा के लिए आगे आई है तो मुझे बहुत खुशी हुई. उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे प्रभावित होकर दूसरी संस्थाएं भी आगे आएंगी. उन्होंने इस अवसर पर सभी कैदियों को रिहाई का परवाना भी सौंपा जो कैदी आज रिहा हुए हैं उनके नाम चमन पुत्र ओमप्रकाश धीरज पुत्र पन्नालाल, भीमसेन पुत्र मोतीराम कालू भाई अमित पुत्र राजेंद्र संजीव पुत्र तलाशा उदय रात्रा पुत्र एमरात्रा हैं.

इन सभी कैदियों में एक बदायूं का रहने वाला 75 साला व्यक्ति भी है जो पिछले 18 सालों से बंद था. इस अवसर पर वह संस्था के लोगों से मिलकर जज्बाती हो गया और शुक्रिया प्रकट करते हुए उसकी आंखों से आंसू आ गए. इस आयोजन को संबोधित करते हुए जमीयत उलमा हिंद के सचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने सभी कैदियों का हालचाल पूछा और पवित्र ग्रंथ कुरान की सूरत दहर की आयत का उल्लेख करते हुए “वह खिलाते हैं खाना उसकी मोहब्बत पर यतीमों, मिसकीनों और कैदियों को” कहा कि इस आयत में अल्लाह ने कैदियों को खिलाने पिलाने और मदद करने वालों को जन्नत का इनाम देने का वादा किया है.उन्होंने ऐलान किया कि यह तो सिर्फ एक शुरूआत है. हमारे लीडर मौलाना महमूद मदनी का यह दृढ़ निश्चय और संकल्प है कि हम कैदियों की रिहाई के लिए आगे भी इस तरह का काम करते रहेंगे. इस अवसर पर जेल के वरिष्ठ अधिकारीयों में राजकुमार ए आई जी, एस एस परिहार डीआईजीपी अजय भाटिया सुपरिटेंडेंट जेल ने भी अपने ख्यालात प्रकट किए.

इस आयोजन में जमीयत उलमा हिंद की ओर से मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, मौलाना गयूर अहमद कासमी मौलाना शफीक़ अहमद अल कासमी मौलाना कारी नौशाद आदिल, मौलाना यासीन जहाजी ,कारी अब्दुल समी कासमी, मुफ्ती सोहेल अहमद कासमी इमाम जामा मस्जिद जनकपुरी और , मौलाना अजीमुल्ला कासमी उपस्थित थे. डी जी अजय कश्यप की ख़ाहिश पर जमीअत की ओर से उन्हें क़ुरआने करीम के नुस्खे भी हदिया के तौर पर पेश किए गए.

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