प्रगतिशील लेखक संघ का सोलहवां राष्ट्रीय सम्मेलन 9, 10, और 11 सितम्बर को बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में संपन्न हुआ। जिसमें देश भर के 300 से ज्यादा साहित्यकारों ने हिस्सेदारी की। इस गरिमामय आयोजन में लेखक, पत्रकार जाहिद खान की नई किताब ‘तरक्कीपसंद तहरीक के हमसफर’ का लोकार्पण देश के जाने-माने लेखक खगेन्द्र ठाकुर (बिहार), विभूतिनारायण राय (उत्तर प्रदेश), सुखदेव सिंह (पंजाब), आर. चंद्रशेखर रेड्डी (आंध्र प्रदेश), जयप्रकाश धूमकेतु (उत्तर प्रदेश), रामसागर परिहार (गुजरात), मानवाधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट सुधा भारद्वाज (छत्तीसगढ़) और अंग्रेजी अखबार ‘हिंदू’ के पूर्व संपादक पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन (नई दिल्ली) एवं पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता इरफान इंजीनियर (महाराष्ट्र) ने किया।
उद्भावना प्रकाशन, नई दिल्ली से प्रकाशित समालोचना की इस छोटी सी किताब में लेखक ने प्रगतिशील आंदोलन से जुड़े उर्दू-हिंदी दोनों भाषाओं के चर्चित साहित्यकार, नाटककार मसलन सज्जाद जहीर, कृश्न चंदर, ख्वाजा अहमद अब्बास, प्रेमचंद, राजिन्दर सिंह बेदी, मंटो, इस्मत चुगताई, अमृता प्रीतम, फैज अहमद फैज, मख्दूम, भीष्म साहनी, राही मासूम रजा, प्रोफेसर कमला प्रसाद, हबीब तनवीर, नेमिचंद जैन, एके हंगल, विजय तेंदुलकर आदि के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपनी कलम चलाई है। पिछले चौहदह साल से स्वतंत्र लेखन कर रहे लेखक जाहिद खान की यह तीसरी किताब है। इससे पहले सम-सामयिक मसलों पर उनकी दो किताबें ‘आजाद हिंदुस्तान में मुसलमान’ और ‘संघ का हिंदुस्तान’ प्रकाशित हो चर्चा में रह चुकी हैं।