रांची ,
स्वामी विवेकानन्द मिशन द्वारा सर्दी के मौसम में ठंड से कंपकंपाते अत्यंत निर्धन, असहायों आदि जिनको मदद करने वाला कोई नहीं है ऐसे लोगों को गर्म वस्त्र व खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने हेतु पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘स्वामी विवेकानन्द गर्म वस्त्र संग्रह व वितरण अभियान 2015-16’ नामक एक विशेष अभियान झारखण्ड राज्य स्तर पर चलाने का निर्णय लिया है. अभियान का शुभारम्भ ०९ नवम्बर २०१५ से किया गया है जो, १२ जनवरी, २०१५ तक चलाया जायेगा. लोकसंपर्क एवं जागरूकता अभियान कार्यक्रमों के दौरान यह बड़े शिद्दत से महसूस हुआ है कि समाज के निचले स्तरों पर अभी भी व्यापक गरीबी एवं लाचारी व्याप्त हैं. इनके रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा एवं स्वास्थ्य-चिकित्सा जैसे आधारभूत सुविधाओं की भी भारी कमी हैं. विशेषकर ठण्ड के मौसम में इनकी परेशानियाँ काफी बढ़ जाती हैं. कुछ जगहों पर अलाव की व्यवस्था कर कुच्छेक लोंगों को कम्बल आदि बांटकर इन लोंगों की कठिनाईयों से सिर्फ पल्ला ही झाड़ा जा सकता है. इस दिशा में बड़े पहल की जरुरत हैं.सच है की झारखण्ड राज्य के निर्माण के बाद आर्थिक समृद्धि काफी बढ़ी है. परन्तु विडंबना ही कहा जाएगा कि विकास का वास्तविक लाभ अभी भी मध्य एवं उच्च वर्गीय परिवारों में ज्यादा सकेंद्रित है, विकास की राह में समाज के निचले तबके के लोग कहीं न कहीं छूट जा रहे हैं. निम्न एवं अत्यंत निम्न वर्ग के लोग भारी मात्रा में गरीब, बेबसी एवं विपन्नता के दंश झेलने को मजबूर हैं, दो जून की रोटी ही जुटा पाना उनके लिए कठिन है; तन ढकना तो फिर भी दूसरी जरुरत है. वहीं दूसरी ओर, ऐसे (संपन्न) लोग भी हैं जिनके पास जरुरत से ज्यादा खाने, पहनने आदि की सम्पन्नता है.लेकिन मिशन अभियानों के दौरान यह भी पाया और समझा है कि झारखण्ड में व्याप्त ऐसी विषमता के बीच भी एक संवेदना कायम है, और हर झारखण्ड राज्य में निवास करने वाले सम्पन्न लोग अपने शेष गरीब/विपन्न झारखंडी बंधुओं की ग़ुरबत/विपन्नता दूर करने एवं उनके जीवन में भी विकास की किरण पहुँचाने हेतु अपने दिल में एक कोमल संवेदना/हमदर्दी रखते हैं, और कई तरीके से इस बाबत अभिव्यक्ति के मौके तलाशते रहते हैं. स्वामी विवेकानन्द मिशन द्वारा संचालित यह अभियान एक ऐसा ही प्रयास है. स्मरण रहे, मिशन के माध्यम से आप वास्तव में उनकी मदद कर रहे हैं जो विकास की दौड़ में हाशिये खडा अंतिम व्यक्ति है, जिसका उद्धार हमारा नैतिक दायित्व है।
स्वामी विवेकानन्द मिशन द्वारा सर्दी के मौसम में ठंड से कंपकंपाते अत्यंत निर्धन, असहायों आदि जिनको मदद करने वाला कोई नहीं है ऐसे लोगों को गर्म वस्त्र व खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने हेतु पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘स्वामी विवेकानन्द गर्म वस्त्र संग्रह व वितरण अभियान 2015-16’ नामक एक विशेष अभियान झारखण्ड राज्य स्तर पर चलाने का निर्णय लिया है. अभियान का शुभारम्भ ०९ नवम्बर २०१५ से किया गया है जो, १२ जनवरी, २०१५ तक चलाया जायेगा. लोकसंपर्क एवं जागरूकता अभियान कार्यक्रमों के दौरान यह बड़े शिद्दत से महसूस हुआ है कि समाज के निचले स्तरों पर अभी भी व्यापक गरीबी एवं लाचारी व्याप्त हैं. इनके रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा एवं स्वास्थ्य-चिकित्सा जैसे आधारभूत सुविधाओं की भी भारी कमी हैं. विशेषकर ठण्ड के मौसम में इनकी परेशानियाँ काफी बढ़ जाती हैं. कुछ जगहों पर अलाव की व्यवस्था कर कुच्छेक लोंगों को कम्बल आदि बांटकर इन लोंगों की कठिनाईयों से सिर्फ पल्ला ही झाड़ा जा सकता है. इस दिशा में बड़े पहल की जरुरत हैं.सच है की झारखण्ड राज्य के निर्माण के बाद आर्थिक समृद्धि काफी बढ़ी है. परन्तु विडंबना ही कहा जाएगा कि विकास का वास्तविक लाभ अभी भी मध्य एवं उच्च वर्गीय परिवारों में ज्यादा सकेंद्रित है, विकास की राह में समाज के निचले तबके के लोग कहीं न कहीं छूट जा रहे हैं. निम्न एवं अत्यंत निम्न वर्ग के लोग भारी मात्रा में गरीब, बेबसी एवं विपन्नता के दंश झेलने को मजबूर हैं, दो जून की रोटी ही जुटा पाना उनके लिए कठिन है; तन ढकना तो फिर भी दूसरी जरुरत है. वहीं दूसरी ओर, ऐसे (संपन्न) लोग भी हैं जिनके पास जरुरत से ज्यादा खाने, पहनने आदि की सम्पन्नता है.लेकिन मिशन अभियानों के दौरान यह भी पाया और समझा है कि झारखण्ड में व्याप्त ऐसी विषमता के बीच भी एक संवेदना कायम है, और हर झारखण्ड राज्य में निवास करने वाले सम्पन्न लोग अपने शेष गरीब/विपन्न झारखंडी बंधुओं की ग़ुरबत/विपन्नता दूर करने एवं उनके जीवन में भी विकास की किरण पहुँचाने हेतु अपने दिल में एक कोमल संवेदना/हमदर्दी रखते हैं, और कई तरीके से इस बाबत अभिव्यक्ति के मौके तलाशते रहते हैं. स्वामी विवेकानन्द मिशन द्वारा संचालित यह अभियान एक ऐसा ही प्रयास है. स्मरण रहे, मिशन के माध्यम से आप वास्तव में उनकी मदद कर रहे हैं जो विकास की दौड़ में हाशिये खडा अंतिम व्यक्ति है, जिसका उद्धार हमारा नैतिक दायित्व है।