अनुप्रिया की पाँच कविताएँ

अनुप्रिया की पाँच कविताएँ 

1-

अपने आप से
पूछने पर
नहीं मिलते हैं जवाब अक्सर
अँधेरे या उजाले का फर्क भी
ठीक -ठीक नहीं पढ़ा जा सकता
बंद आँखों से
आँसुओं में नमक कितना घुला है
नहीं बताया जा सकता
चाहकर भी
एक ढहती हुई दीवार
अब भी किसी का छत थामे खड़ी है
चुपचाप
रंगों का मतलब
अब पूछने को जी नहीं चाहता
इंतजार ने ओढ़ा है अब भी
वही पुराना अर्थ ।।
बस यूँ ही।

2-

अपने आप से
पूछने पर
नहीं मिलते हैं जवाब अक्सर
अँधेरे या उजाले का फर्क भी
ठीक -ठीक नहीं पढ़ा जा सकता
बंद आँखों से
आँसुओं में नमक कितना घुला है
नहीं बताया जा सकता
चाहकर भी
एक ढहती हुई दीवार
अब भी किसी का छत थामे खड़ी है
चुपचाप
रंगों का मतलब
अब पूछने को जी नहीं चाहता
इंतजार ने ओढ़ा है अब भी
वही पुराना अर्थ ।।
बस यूँ ही।

3-

हम स्त्रियाँ हैं
नहीं गला सकोगे हमारा अस्तित्व
दुनिया की तमाम
एसिड फेंक कर भी
हम गिरेंगी
फिर फिर उठेंगी
अपने भीतर की आँच से
दुनिया के किसी भी कोने में
सुलगा देंगी
जीने की आग।

4-

ईश्वर रोता होगा
सबसे छुपकर
कि
हमने कुचल डाले हैं
बचपने के हुलसते फूल
उदास होगा
कितना
कि अब तक बैठे हैं
धरे हाथ पर हाथ
नाराज ईश्वर
नहीं पुकारेगा हमें
कहकर मनुष्य
कि
हमने खो दिए हैं
मनुष्य होने के सारे अर्थ।

5-

चाह उजियारे की
नींद खुली जब सूरज की
माँ को आवाज लगाई
जल्दी मुझे नहाना है
गमछा दे दो माई
डाँट पड़ेगी देर हुई जो
आसमान चिल्लायेगा
अँधेरों को इस दुनिया
कौन दूर ले जायेगा
झटपट कुछ खाने को दे दो
तो अम्मा मैं जाऊँ
रात बीतने चली है अब तो
सुबह मैं लेके आऊँ
चिड़िया ,तितली ,फूल सभी
देख रहे हैं राह
सबके भीतर उग आयी है
उजियारे की चाह
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anupriya-ki-char-kavitayenanupriya-परिचय :-
अनुप्रिया
कविता लेखन/ पठन -पाठन

प्रकाशन -कथाक्रम .परिकथा ,वागर्थ ,कादम्बिनी ,संवदिया ,युद्ध रत आम आदमी ,प्रगतिशील आकल्प ,शोध दिशा ,विपाशा ,श्वेत पत्र   , नेशनल दुनिया ,दैनिक भास्कर , दैनिक जागरण , संस्कार -सुगंध , अक्षर पर्व ,हरिगंधा , हाशिये की आवाज़ , दूसरी परम्परा , अंतिम जन आदि पत्र – पत्रिकाओं में कवितायेँ निरंतर प्रकाशित

नंदन ,स्नेह ,बाल भारती ,जनसत्ता,नन्हे सम्राट  ,जनसंदेह टाइम्स ,नेशनल दुनिया ,बाल भास्कर ,साहित्य अमृत ,बाल वाटिका, द्वीप लहरी ,बाल बिगुल में बाल कवितायेँ प्रकाशित .

संवदिया ,विपाशा ,ये उदास चेहरे, अंजुरी भर अक्षर , हाशिये की आवाज़ आदि पत्रिकाओं में रेखा चित्र प्रकाशित .

संपर्क-   श्री चैतन्य योग .गली नंबर -27,फ्लैट नंबर-817 ,चौथी मंजिल ,डी डी ए फ्लैट्स , मदनगीर ,नयी दिल्ली ,पिन-110062

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