{ रतलाम से महेश शर्मा की ख़ास रिपोर्ट } नगर पालिक निगम का काम नगर के लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्धकराने का है। रतलाम शहर के लोग नारकीय पीड़ा भोग रहे हैं और नगर पालिक निगम नीरो केमानिंद चैन की बंसी बजा रही है। नगर निगम का कार्यकाल समाप्त होने में महज कुछ ही दिन शेषबचे हैं। इस नगर पालिक निगम के कार्यकाल में नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होपाई हैं जो निश्चित तौर पर निंदनीय ही मानी जाएगी।
निगम महापौर डागा के कार्यकाल में नगर में साफ पानी ही लोगों को मुहैया नहीं हो पाया है। मच्छरोंकी फौज के हमले से न जाने कितने बीमार हुए। आवारा मवेशियों से न जाने कितने परेशान हुए।
आवारा घूमते सुअरों ने न जाने कितने घरों में उत्पात मचाया है। आवारा कुत्तों ने न जाने कितने लोगोंको घायल किया है।
आवारा मवेशियों से टकराकर न जाने कितने वाहन चालक घायल हुए हैं। पर नगर पालिक निगम केकानों में जूं भी नहीं रेंगी। ऐसा नहीं कि जिला प्रशासन ने इसकी चिंता नहीं की हो। जिला प्रशासन केद्वारा लगातार इस संबंध में चेतावनियां जारी की जाती रही हैं पर नगर निगम के अडिय़ल रवैए केकारण पता नहीं क्यों नगर निगम द्वारा जिला कलेक्टर की चेतावनियों को भी दरकिनार कर दियाजाता रहा है। शहर की नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। पीने को साफ पानी मुहैया नहीं है। प्रकाश कीपर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हैं। लोगों को मकान निर्माण की अनुमतियां नहीं मिल पा रही हैं। नगर पालिकाका पूरा ध्यान निर्माण कार्य की ओर है।
अबतक की सर्वाधिक भ्रष्ट नगर निगम,भाजपा की स्थिति होगी दयनीय
भाजपा की परिषद है भाजपा के निगम अध्यक्ष हैं परंतु उन्हें अपमानित करने उनके खिलाफसमाचार छपवाने में तीन माहेश्वरीयों की
तिकड़ी सदैव लगी रहती है।
मुख्यमंत्री करोड़ों देकर खुश
निगम घोटालों की स्थिति व्यापम की तरह अधिकारी कर्मचारी और सत्ता पक्ष भाजपा अंधे के द्वारारेवड़ी बांटने की स्थिति में हैं। भूखण्ड रजिस्ट्री घोटाला,माणकचौक सब्जी मंडी में बैठक को पक्कीदुकाने बनने के बाद उनका नामांतरण,राजीव गांधी सिव्हिक सेंटर एवं सुभाष कॉम्पलैक्स तथा रैनबसेरा सैलाना बस स्टेण्ड की दुकानों भवनों की आवंटन स्थिति भाजपा अपने कार्यराल में अनिर्णय कीस्थिति में रही।
महापौर के सहयोगी और सलाहकारों ने एक अरब से ज्यादा का घोटाला अपने कार्यकाल में कियाहै जबकि कचरा रखने के कंटेनरों ,हाथ,ठेला गाड़ी उघोगों के खरीदी और स्थिति समूचे शहर में उबड़खाबड़ डामरीकृत सड़क,पानी का टैंकर घोटाला,सीमेंट कांक्रीटीकरण खुले भ्रष्टाचार का प्रमाण दे रहें हैं।शिवराज के राज में भ्रष्टाचार इतना पनपा है नगर निगम के चुनाव में जनता भाजपा को आईनादिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। स्ट्रीट लाईट के रखरखाव के नाम पर सबसे बड़ा घोटालानिगमायुक्त सोमनाथ झारिया की देखरेख और मार्गदर्शन में हुआ है। प्रदेश शासन को चुनाव से पहलेमहापौर शैलेंद्र डागा के कार्यकाल की जांचे जो लोकायुक्त में लंबित हैं।
उन्हें गति देना चाहिए और म.प्र.पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से पूरे कार्यकाल की जांचकरानी चाहिए। निगम के अयोग्य आयुक्त जो अपने कक्ष में बैठकर जनप्रतिनिधियों और आमनागरिकों के मिलने में कतराते हैं केवल महपौर निवास के गलियारे अथवा कलेक्टोरेट परिसर में कारको खड़ी कर अपने शा ीनगर आवास में आराम करते रहते हैं। जहां तक निगम के गठन केबाद भ्रष्टाचार की बात की जाए तो सर्वाधिक भ्रष्टाचार और घोटाले शैलेंद्र डागा और उनके सहयोगियों नेकिए है भूमाफिया,गुमटी माफिया,परिवहन माफिया और बिना सप्लाय के बिलों को भुगतान पानेवाले सप्लायरों की तादाद इस कार्यकाल में ज्यादा देखी गई है
महेश शर्मा
(वरिष्ठ पत्रकार व विश्लेषक )
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