श्री चिदंबरम ने बताया कि 8 पाकिस्तानी कैदियों और 20 पाकिस्तानी मछुआरों की सज़ा पूरी होने के बाद उन्हें स्वदेश भेजा गया। भारतीय उच्चायोग, श्रीलंका के अधीन कोलंबो, कैन्डी और हमबनटोटा में अप्रावसन वीजा विदेशी पंजीकरण तथा ट्रेकिंग संबंधी मिशन मोड़ परियोजना के अंतर्गत नियुक्ति कार्यक्रम के साथ ऑन लाइन वीजा प्रणाली शुरू की गयी।
श्री चिदंबरम ने बताया कि 28 मार्च 2011 को असंगठित श्रमिकों के समाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 के अंतर्गत राज्य सरकार की शक्तियों को दीव, दादरा एवं नगर हवेली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी के प्रशासकों को प्रदत किये जाने के लिए अधिसूचना जारी की गयी।
आंध्रप्रदेश् असम, बिहार, दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु तथा पश्चिम बंगाल राज्यों ने आपातकालीन कार्रवाई एंव बचाव राहत कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा कार्रवाही बल के दलों को तैनात किया गया जिनमें 706 कार्मिक और 28 नौकाएं शामिल थी।
भारत सरकार ने वर्ष 2009-10 के दौरान विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत निधि से हिमाचल प्रदेश के लिए 149.95 करोड़ रुपये, तमिलनाडु के लिए 317.13 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश के लिए 554.26 करोड़ रुपये और अरूणाचल प्रदेश के लिए 97.24 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की।
श्री चिदंबरम ने बताया कि जापान के रिफू – चो में राहत एंव पुनर्वास कार्यो में सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल का एक दल 27 मार्च 2011 को भेजा गया। उन्होंने बताया कि केरल के जिला एर्णाकुलम के मुवाथाउपीझा पुलिस थाना में दर्ज प्रोफेसर टी जे जोसफ का हाथ काटे जाने संबंधी आपराधिक मामले संख्या 704/ 2010 की जांच 9 मार्च, 2011 को एनआईए को सौंपी गयी।
मालेगांव विस्फोट, हैदराबाद के मक्का मस्जिद विस्फोट के मामले जो पहले सीबीआई के अधीन थे उन्हें 22 मार्च 2011 को एनआईए को सौप दिया गया । श्री चिदंबरम ने बताया कि 30 मार्च 2011 को जनगणना 2011 के दूसरे चरण की जनगणना के अनंतिम आंकड़े जारी किये गये। मणिपुर, नागालैंड राज्यों में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर हेतु साख्यिकी संग्रहण कार्य आरंभ हो गया है। 23 मार्च 2011 को 3 बायोमेट्रिक्स के अंकीकरण और संग्रहण के लिेए सार्वजनिक क्षेत्र के केन्द्रीय उपक्रमों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। 9 राज्यों 18 अंचलों के 284 जिलों ( 20,694 नमूने इकाईयां ) में क्षेत्र सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया।
गहमंत्री ने बताया कि 27 फरवरी 2011 को बोनस का भुगतान (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2010 पर राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त की गई। 2 मृत्युदंड घोषित अपराधियों, एस बी पिंगले (महाराष्ट्र) तथा जयकुमार (मध्यप्रदेश) की दया याचिकाओं पर संविधान की धारा- 72 के अंतर्गत विचार किया गया तथा उ्नके मृत्यु दंड को उनकी स्वाभाविक मृत्यु तक आजीवन कारावास में बदल दिया गया है।
श्री चिदंबरम ने बताया कि स्वतंत्रता सैनानियों की पैंशन के संबंध में न्यायालयों के निर्णयों को क्रियान्वित करने का अभियान जारी रहा। मार्च 2011 में 5 निर्णयों को क्रियान्वित किया गया तथा 104 अभी लंबित है। मार्च 2011 में विस्थापित व्यक्तियों के दावों तथा उन्हें भुगतान किये गये मुआवजों के 60,252 रिकार्ड कम्प्यूटर में दर्ज किये गये। डाटाबेस में अब 492,943 रिकार्ड हैं।
श्री चिदंबरम ने बताया कि एक मार्च 2011 तथा 21 मार्च 2011 को कैदी संप्रत्यावर्तन (संशोधन) विधेयक लोकसभा और राज्य में पारित किया गया। 24 मार्च 2011 को लोकसभा द्वारा यथा पारित उड़ीसा (नाम परिवर्तन) विधेयक 2010 तथा संविधान (113वां संशोधन) विधेयक, 2010 पर राज्यसभा में विचार किया गया एवं इसे पारित किया गया। भारत तथा यू के तथा भारत यू एस ए के बीच आतंकवाद-रोधी संयुक्त कार्य दल की बैठकें क्रमशः मार्च 21 एवं 25, 2011 को आयोजित हुई। मार्य 21 से मार्च 24, 2011 तक भारत-अफ्रीका फोरम समिट के अंतर्गत विभिन्न अफ्रीकी देशों के पुलिस अधिकारियों के लिए नशीले पदार्थों से संबंधित कानून के प्रवर्तन पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
केन्द्रीय गृहमंत्री श्री पी चिदंबरम ने आज नई दिल्ली में मार्च 2011 के लिए गृह मंत्रालय का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। इस मौके पर अपने संबोधन में श्री चिदंबरम ने कहा कि आईसीसी क्रिकेट विश्वकप 2011 के लिए पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु सभी आवश्यक कदम उठाये गये हैं। उन्होंने बताया कि मार्च माह के दौरान एक महत्वपूर्ण घटना क्रम 28-29 मार्च, 2011 को भारत और पाकिस्तान के बीच गृह सचिव स्तरीय वार्ता रही और वार्ता के अंत में 29 मार्च 2011 को एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया गया।
आतंरिक सुरक्षा के मुद्दे पर श्री चिदंबरम ने बताया कि नक्सल-रोधी अभियानों में शामिल पुलिसकर्मियों के बीमा के प्रीमियम पर किये गये व्यय की प्रतिपूर्ति के तौर पर छत्तीसगढ़ राज्य को वर्ष 2008-09 से 2010-11 की अवधि के लिए सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के अंतर्गत 10.89 करोड़ रुपये की राशि जारी की गयी।
आतंकवाद, साम्प्रदायिक और नक्सली हिंसा के पीडितों की सहायता की केन्द्रीय योजना के अंतर्गत तीन लाख रूपये प्रति लाभग्राही की दर से 12 लाभग्राहियों के लिए सहायता के रूप में 36 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गयी।
श्री चिंदबरम ने बताया कि 4 मार्च 2011 को प्रधानमंत्री ने कश्मीरी प्रवासियों के लिए जम्मू के जगती में 2112 नवनिर्मित फ्लैटों का उदघाटन किया। उन्होंने बाताया कि एस आर वी योजनाओं के अंतर्गत विभिन्न कार्यों के निष्पादन के लिए 66.40 करोड़ रुपये की राशि भी अनुमोदित की गयी।
श्री चिदंबरम ने बताया कि 11 मार्च 2011 को जम्मू एवं कश्मीर सरकार को सुरक्षा संबंधी व्यय ( राहत एंव पुनर्वास) योजना के अंतर्गत नागरिकों तथा आत्मसमपर्ण कर चुके उग्रवादियो के निकटतम संबंधियों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति दिये जाने के स्थान पर मुआवजे का भुगतान करने के लिए 681 शेष मामलों के निष्पादन के लिए केन्द्र सरकार का अनुमोदन संसूचित किया गया। गृहमंत्री ने बताया कि वार्ताकारों के एक दल ने 11 से 14 मार्च 2011 को कश्मीर का दौरा किया। महिलाओं पर संघर्ष के प्रभाव, महिला सशक्तिकरण तथा शांति कायम करने में महिलाओं की भूमिका विषय पर एक दो दिवसीय महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। गृहमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय द्वjरा डॉ रंगराजन की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ दल ने जम्मू एवं कश्मीर राज्य की रोजगार-योजना के बारे में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। 15 मार्च 2011 को गृह सचिव द्वारा कौशल-संवर्धन के कार्यान्वयन तथा जम्मू कश्मीर में रोजगार के लिए एक बैठक आयोजन किया गया।
श्री चिदंबरम ने बताया कि जम्मू-कश्मीर को सुरक्षा संबंधी व्यय योजना (पी) के अंतर्गत 71 करोड़ रुपये की राशि की प्रतिपूर्ति की गयी। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2010-11 में राज्य पुलिसबलों के आधुनिकीकरण के लिए राज्यों को 1224.64 करोड़ रुपये (1225.00 करोड़ रुपये की संशोधित बजट अनुमान का 19.97 प्रतिशत) की राशि जारी की गयी। इसमें मार्च 2011 में 23 राज्यों को जारी की गयी 171.89 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है।
रिपोर्ट के अनुसार केन्द्रीय सशस्त्र पुलिसबलों के लिए शस्त्रों और गोला बारूद की खरीद हेतु 15.46 करोड़ रुपये की स्वीकृतियां जारी गयी। इनमें केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल 1000 नं. एमपी 5 ए 3 सबमशीगन के लिए 9.80 करोड़ रुपये, सशस्त्र सीमाबल – 620 नं. ग्लोक पिस्टल के लिए 1.67 करोड़ रुपये, भारत -तिब्बत सीमा पुलिस – 902 नं. ए के राइफल्स के लिए 1.87 करोड़ रुपये, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल-जी आई एस के लिए सेटेलाइट इमेजरी का प्रापण – 2.12 करोड़ रुपये शामिल हैं।
श्री पी चिदंबरम ने बताया कि दिनांक 23 व 25 मार्च, 2011 को बीइएल से 706 एच एफ टीएक्स-आरएक्स डिजीटल एल एच पी- 265 रेडियो सेटों के प्रापण हेतु 35.07 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। गृहमंत्री ने बताया कि 25 मार्च 2011 को केन्द्रीय सशस्त्र पुलिसबलों हेतु हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के प्रापण तथा जीआईएस की प्रशिक्षण लागत के लिए 4.8 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। उन्होने बताया कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला और जिला सचल विधि विज्ञान इकाई निदेशालय की केन्द्रीय रूप से प्रायोजित योजना के अंतर्गत 20 मार्च 2011 को 17 राज्यों, संघ राज्य क्षेत्रों के लिए 13.59 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी गयी।
श्री चिदंबरम ने बताया कि केन्द्रीय सशस्त्र पुलिसबलों हेतु भूमि के अधिग्रहण, कार्यालय/रिहायशी भवनों तथा अन्य अवसंरचना के निर्माण हेतु 571.57 करोड़ रुपये की राशि दी गयी।
गृहमंत्री ने बताया कि 4 मार्च 2011 को सरकार ने 120.57 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से केन्द्रीय सशस्त्र पुलिसबलों के कार्मिको तथा उनके परिवारों के लिए ग्रेटर नोएडा में 200 बिस्तरों वाले अस्पताल की स्थापना के लिए स्वीकृति प्रदान की।
श्री चिदंबरम ने बताया कि केन्द्रीय सशस्त्र पुलिसबलों , असम राइफल्स तथा सुरक्षा गारद में 430 चिकित्सा अधिकारियों तथा 183 विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारियों के चयन के लिए चिकित्सा अधिकारी चयन बोर्ड- 2011 का गठन किया गया। इसके अलावा केन्द्रीय सशस्त्र पुलिसबलों को 18 दिवंगत कार्मिकों के निकटतम संबंधियों को 2 करोड़ रुपये की राशि का एकमुश्त अनुग्रह मुआवजा स्वीकृत किया गया। श्री चिदंबरम ने बताया कि दिल्ली, जम्मू, हैदराबाद और दीमापुर में एच आई वी / एड्स के लिए ए आर टी केन्द्रों की स्थापना संबंधी व्यय को वहन करने के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिसबलों हेतु वित्तीय वर्ष 2010-11 में कल्याण अनुदान के रूप में 2.92 करोड़ रुपये की राशि जारी की गयी।
सीमा प्रबंधन के संदर्भ में श्री चिदंबरम ने बताया कि भारत-बंगलादेश सीमा परियोजना के चरण दो के अंतर्गत मार्च, 2011 में 15 किलोमीटर में बाड़ लगाने तथा 12 किलोमीटर में सड़क निर्माण कार्य पूरा किया गया। परियोजना के चरण -3 के अंतर्गत 11 किलोमीटर में बाड को बदला गया। तेज रोशनी की व्यवस्था के लिए 30 किलोमीटर की लम्बाई में खम्बे लगाये गये और 18 किलोमीटर क्षेत्र में तार बिछाये गये।
तटीय सुरक्षा के मा्मले में श्री चिदंबरम ने बताया कि 204 नौकाओं की आपूर्ति के लक्ष्य की तुलना में अब तक 189 नौकाओं की आपूर्ति की गयी है। शेष 15 नौकाएं भी तैयार हैं और इन्हें शीघ्र ही भेज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 204 नौकाओं को खरीद लिया गया है।
एकीकृत जांच चौकियों के निर्माण के मामले में अटारी, रक्सौल और जोगबनी में एकीकृत जांच चौकियों का निर्माण शुरू हो गया है। इन परियोजना के जून, 2011 में तथा नवंबर, 2011 में पूरा हो जाने की संभावना है।
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