20 प्रतिशत वंचितों को दूंगा बिजली,मोदी

images (1)आई एन वी सी न्यूज़
भोपाल,
पूरे देश में  20 प्रतिशत नागरिक ऐसे है जिनके घरो में आज भी बिजली नहीं है | इस तरह के लोगो के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ऊर्जा की सुविधा से वंचित रह गए देश के 20 प्रतिशत गरीबों के घरों में बिजली पहुँचाना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन की जबसे विकास यात्रा प्रारंभ हुई तब से ऊर्जा प्रमुख माध्यम रहा है। ऊर्जा के बिना जीवन में बदलाव और विकास संभव नहीं है। इस देश को आगे बढ़ाना है तो गरीब की झोपड़ी तक ऊर्जा पहुँचाना होगी। बिजली के उत्पादन को बढ़ाना और इसकी कमी को तेजी से पूरा करना हमारी प्राथमिकता है। देश के हर कोने में नये ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं। बीते दस माह में विद्युत उत्पादन में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह इस बात का उदाहरण है कि विकास किस तेजी से किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी आज प्रदेश के खंडवा जिले में 1200 मेगावाट की 7,820 करोड़ रुपये लागत की श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना का लोकार्पण कर रहे थे। उन्होंने इसी परियोजना के 6,500 करोड़ रूपये लागत की 1320 मेगावाट के द्वितीय चरण का शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल विशेष रूप से उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने औसत लागत से कम में श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना का प्रथम चरण पूरा करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि सही समय पर किये गये सही निर्णय, पक्की निगरानी, जागरूक प्रयास और जनता के पैसे के सही उपयोग से यह संभव हुआ। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि योजना का दूसरा चरण पूर्ण होने पर राज्य को कम लागत में परियोजना पूर्ण करने का पुरस्कार मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि  देश में आज भी 20 प्रतिशत गरीब ऐसे हैं जो बिजली से वंचित है। गरीब को भी अच्छी जिंदगी का अवसर मिलना चाहिये। मध्यप्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी उस समय जितनी बिजली उत्पादित होती थी उतनी अब केवल संत श्री सिंगाजी परियोजना से उत्पादित होगी। हम देश में कम लागत में सस्ती ऊर्जा का क्षेत्र तैयार करने के प्रयास कर रहे हैं। इसके लिये परमाणु ऊर्जा संयंत्र के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें भावी पीढ़ी के लिये प्रकृति की रक्षा करना होगी। इसके लिये बिजली बचाना भी जरूरी है। बिजली बचाने से कोयला, गैस और ईधन बचेगा जो आने वाली पीढ़ियों के काम आयेगा। केन्द्र सरकार ने बिजली बचाने का बड़ा अभियान शुरू किया है। बिजली बचाना, पानी बचाना, प्रकृति की रक्षा करना और स्वच्छता रखना भी देशभक्ति है। ऐसा करने से आने वाली पीढ़ियों को लाभ होगा। उन्होंने राज्य सरकार की सराहना की जिसने प्रदेश के हर शहर में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने का निर्णय लिया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि पिछली केन्द्र सरकार के समय 204 कोयला खदान का आवंटन गलत तरीके से हुआ था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। हमने 100 दिन के भीतर इन खदानों की नीलामी की, 19 खदान के लिये बोली लगी जिसमें एक लाख 10 हजार करोड़ का राजस्व मिलेगा। इसमें मध्यप्रदेश की चार खदान है जिससे प्रदेश को 40 हजार करोड़ रुपये की आय होगी। ईमानदारी और पारदर्शिता से काम करने की दिशा में सरकार काम कर रही है। गरीब और किसानों की भलाई के लिये केन्द्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है जिसमें 60 साल के बाद उन्हें पेंशन देने की योजना बनाई गई है।

प्रधानमंत्री जन-धन योजना में मध्यप्रदेश को शत-प्रतिशत खाते खोलने के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा कि पहली बार केन्द्र सरकार का बजट गाँव, गरीब और किसानों के लिये बनाया गया है। इससे आने वाले दिनों में देश विकास की नई ऊँचाइयों को छुएगा। उन्होंने कहा कि विकास के लिये सिंचाई परियोजनाएँ, गरीबों के घर, सड़क, स्कूल, अस्पताल और कारखाने आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह सब कार्य आसमान में नहीं हो सकते। इसके लिये जमीन की आवश्यकता है। पहली वाली केन्द्र सरकार ने ऐसा कानून बनाया जिससे इनके लिये जमीन मिलना मुश्किल हो गया। हमारी सरकार ने इस कानून में सुधार किया है। उन्होंने कहा कि देश के विकास में हर नागरिक सहयोग करे।

बनेगा निमाड़ विकास प्राधिकरण – मुख्यमंत्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निमाड़ क्षेत्र के समग्र विकास के लिए निमाड़ विकास प्राधिकरण बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश अब ऊर्जा उत्पादन में आत्म-निर्भर हो गया है। अगले दो साल में 20 हजार मेगावाट ऊर्जा राज्य में पैदा होगी। जरूरतमंद राज्यों को देने में भी प्रदेश सक्षम होगा। उन्होंने छेगांव उदवहन सिंचाई योजना स्वीकृत करने की घोषणा करते हुए कहा कि 900 करोड़ लागत की इस परियोजना से 35 हजार क्षेत्र में सिंचाई होगी। उन्होंने 150 करोड़ की किल्लोद सिंचाई योजना की भी घोषणा की। इससे 15 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेसी सरकार में कोयला ब्लाक के आवंटन में बंदरबाँट हुई थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अब पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है जिससे मध्यप्रदेश को भी बढ़े हुए राजस्व का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में अब नीतियों पर अनिर्णय की स्थिति समाप्त होगी। केन्द्र की सरकार सही मायनों में गरीबों की सरकार है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री के सपनों का भारत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार राज्यों को मिलने वाले पैसे अपने पास रख लेती थी अब राज्यों को 42 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिलेगी। अब राज्य अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार धनराशि खर्च कर सकेंगे।

श्री चौहान ने कहा कि पिछले दस साल में मध्यप्रदेश के साथ भेदभाव हुआ है जबकि मध्यप्रदेश ने अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति करते हुए देश में पहला स्थान बनाया है। आर्थिक वृद्धि दर सर्वाधिक 10.19 प्रतिशत है। कृषि विकास की दर निरंतर 18 से 20 प्रतिशत और 20 से 24 प्रतिशत बढ़ रही है। आने वाले समय में मध्यप्रदेश देश का सर्वाधिक कृषि विकास दर वाला राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय न बिजली थी, न सड़क थी, न पानी था आज प्रदेश में सब कुछ है। मुख्यमंत्री ने भूमि अधिग्रहण कानून की चर्चा करते हुए कहा कि कुछ लोगों को यह पसंद नहीं है कि विकास हो और गरीबों को लाभ पहुँचे। उन्होंने कहा कि यदि लोक सुविधाओं में वृद्धि करना है तो जमीन की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को भी उनकी जमीन का पूरा मुआवजा मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है वर्ष 2022 तक हर व्यक्ति को आवास की सुविधा मिले। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा लागू की गई जीवन ज्योति योजना, अटल पेंशन योजना और जन-धन योजना की सराहना करते हुए कहा कि इनसे देश का भविष्य बदलेगा। उन्होंने अपने जन्म-दिन के संदर्भ में कहा कि यह जन्म-दिन संकल्प दिवस है मध्यप्रदेश को समृद्ध बनाने का और लोगों की सेवा करने का।

केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल

केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने लोगों को होली की शुभकामनाएँ दी। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को जन्म-दिन की बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि मात्र 10 महीने में देश का विद्युत उत्पादन 11 प्रतिशत बढ़ा है। यह विकास करने की क्षमता का परिणाम है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान और मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व के वर्षों में हमेशा 20 प्रतिशत ऊर्जा की कमी बनी रहती थी। आज ऊर्जा की अधिकता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश को विकास की राह दिखाने वाला प्रदेश है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश से यह सीखने को मिलता है, कि अपने लोगों के लिये प्रगति और विकास कैसे करें। उन्होंने कहा कि पूरे देश में मध्यप्रदेश ही ऐसा राज्य है जिसने 4000 मेगावाट क्षमता से उत्पादन शुरू कर दिया है।

श्री गोयल ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में 4000 मेगावाट क्षमता के पाँच पावर प्लांट स्थापित होंगे जिससे ऊर्जा संकट हल हो जायेगा। उन्होंने कहा कि देश में ऊर्जा उत्पादन भी बढ़ाकर दुगना करने के प्रयास किये जा रहे हैं। अब देश में 100 करोड़ टन कोयले का उत्पादन होगा जिससे ऊर्जा संयंत्रों में कोयले की कमी की समस्या भी दूर होगी। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों के बाद कोयला प्रदाय 7 प्रतिशत और ऊर्जा उत्पादन 11 प्रतिशत बढ़ा है। अगले चार वर्ष में ऊर्जा उत्पादन में नये रिकार्ड बनेंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना और समग्र ऊर्जा विकास योजना में मध्यप्रदेश में 3000 करोड़ की योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। इससे ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क मजबूत होगा। श्री गोयल ने प्रसिद्ध गायक कलाकार स्वर्गीय श्री किशोर कुमार का स्मरण करते हुए उनके गाने की पंक्ति – ‘उठे सबके कदम’ दोहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी की सोच भी सबका साथ-सबका विकास करने की है।

ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल

इससे पहले प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब ऊर्जा समृद्ध बन गया है। उन्होंने कहा कि आज श्री चौहान के जन्म-दिन पर मध्यप्रदेश को श्री सिंगाजी ताप विद्युत इकाई और 1320 मेगावाट की भविष्य में निर्मित होने वाली इकाई के दो उपहार प्रधानमंत्री के हाथों मिले हैं। अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किये गये। सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने आभार व्यक्त किया।

समारोह में नगरीय विकास एवं पर्यावरण मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, खाद्य-नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री कुँवर विजय शाह, बैतूल की सांसद सुश्री ज्योति धुर्वे, मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

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