भोपाल. मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन में से 2 सीटों पर बीजेपी (BJP) जीत तो गयी, लेकिन फिर भी पार्टी में अंदरखाने हड़कंप मचा हुआ है. इसकी वजह है उसके एक विधायक की क्रॉस वोटिंग. गुना से बीजेपी विधायक गोपीलाल जाटव का वोट कांग्रेस (Congress) के खाते में चला गया. जाटव ने भले ही सफाई दे दी कि वो महज चूक है, लेकिन पार्टी इसे इतने हल्के में लेती नहीं दिख रही.राज्यसभा के लिए सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक वोटिंग का समय तय था, लेकिन समय से पहले ही सभी विधायकों ने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था. वोटिंग के दौरान सभी 206 वोट डाले गए. शाम 5:00 बजे के बाद काउंटिंग की प्रक्रिया जब शुरू हुई तो एक विधायक के क्रॉस वोटिंग की खबर सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. जब मामले का खुलासा हुआ तो पता चला कि बीजेपी के गुना से विधायक गोपीलाल जाटव ने क्रॉस वोटिंग की है. हालांकि, इससे चुनाव नतीजों पर कोई फर्क नहीं पड़ा, लेकिन यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या बीजेपी का मैनेजमेंट फेल हो गया? वो पार्टी के इस विधायक को अपने साथ क्यों नहीं रख पायी? पार्टी विधायक ने पार्टी लाइन से अलग जाकर ऐसा क्यों किया? गुना सिंधिया का इलाका है तो क्या जाटव सिंधिया के आने से खुश नहीं? हालांकि गोपीलाल जाटव ने बाद में अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने अपना वोट ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही दिया था, लेकिन गलती से वह वोट क्रॉस वोटिंग में चला गया.
बीजेपी 2-कांग्रेस 1
मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुमेर सिंह सोलंकी और दिग्विजय सिंह आखिरकार राज्यसभा पहुंच गए. शुक्रवार को आए राज्यसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी के दोनों उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को जीत हासिल हुई, जबकि कांग्रेस की ओर से केवल दिग्विजय सिंह ही राज्यसभा जाने में कामयाब हुए. कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार फूल सिंह बरैया का राज्यसभा जाने का सपना टूट गया. राज्यसभा चुनाव की मतगणना के दौरान सबसे ज्यादा 57 वोट कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को मिले जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को 56 और सुमेर सिंह सोलंकी को 55 वोट हासिल हुए.बीजेपी और कांग्रेस की ओर से एक-एक वोट निरस्त हुआ जबकि बीजेपी के एक विधायक की ओर से क्रॉस वोटिंग से हड़कंप मच गया.
क्या थे समीकरण?
राजनीतिक समीकरण के मुताबिक यह पहले से तय माना जा रहा था कि बीजेपी के दोनों उम्मीदवार और कांग्रेस के एक उम्मीदवार का राज्यसभा जाना तय है. कुल 230 सीटों में से 24 सीटें फिलहाल खाली थीं. लिहाजा कुल वोट संख्या 206 थी. एक प्रत्याशी को जीत के लिए 52 वोट की जरूरत थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया को 56, सुमेर सिंह सोलंकी को 55, और दिग्विजय सिंह को 57 वोट हासिल हुए जबकि फूल सिंह बरैया को केवल 36 वोट मिले. 2 वोट निरस्त हुए जिसमें एक कांग्रेस और एक बीजेपी का शामिल है.
एसपी-बीएसपी ने दिया बीजेपी का साथ
राज्यसभा चुनाव में सबसे मज़ेदार रोल रहा समाजवादी पार्टी और बीएसपी विधायकों का. सरकार बदलते ही बीएसपी के दोनों विधायक राम भाई और संजीव सिंह बीजेपी के साथ चले गए. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजेश शुक्ला ने भी बीजेपी को वोट किया. हालांकि राजेश बबलू को इसका खामियाजा भी उठाना पड़ा और पार्टी ने उन्हें इस वजह से निष्कासित कर दिया. plc.