प्रख्यात पंजाबी लेखक और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित जसवंत सिंह कंवल का मोगा में उनके पैतृक गांव ढुडीके में शनिवार को निधन हो गया। उनके पौत्र सुमैल सिंह सिद्धू ने बताया कि जसवंत सिंह कंवल पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। 101 वर्ष के थे और संक्षिप्त बीमारी के बाद शनिवार को उनका निधन हो गया। ढुडीके में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। जब वे किशोरावस्था में थे तो उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और मलेशिया चले गए। कुछ वर्षो बाद वे अपने गांव लौट आए।
वर्ष 1996 में साहित्य अकादमी ने उनको उनकी पुस्तक ‘पाखी’ पर साहित्य अकादमी ने फेलोशिप दी और दो साल बाद 1998 में उपन्यास तौशाली दी हांसो पर उनको साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया। 2007 में पंजाब सरकार द्वारा साहित्य शिरोमणि अवार्ड से सम्मानित किया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कंवल के निधन पर शोक जताते हुए उनको एक प्रतिभाशाली लेखक बताया। उन्होंने कहा कि कंवल को पंजाबी भाषा, कला और साहित्य में किए गए कार्य के लिए हमेशा याद किया जाएगा। PLC.