सहिष्णु भारत को असहिष्णु साबित करने के सभी षड्यंत्रो के विरुद्ध लेखक ने अपनी कलम चलाई है
आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली,
अर्चना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित युवा लेखक एवं पत्रकार लोकेन्द्र सिंह की पुस्तक ‘हम असहिष्णु लोग’ का विमोचन दिल्ली में आयोजित विश्व पुस्तक मेले में किया गया। यह पुस्तक उन सब अभियानों पर तीखे प्रश्न उठाती है,जिनके माध्यम से वामपंथी साहित्यकारों, कलाकारों,इतिहासकारों एवं तथाकथित बुद्धिजीवियों ने विश्व पटल पर देश की छवि को विकृत करने का प्रयास किया। सहिष्णु भारत को असहिष्णु साबित करने के सभी षड्यंत्रो के विरुद्ध लेखक ने अपनी कलम चलाई है। अपने लेखों के माध्यम से उन्होंने देशभक्ति से रहित और बौद्धिक उद्दण्डता से उन्मत्त लोगों की स्वयंभू नैतिकता पर पैने सवाल उठाए हैं। पुस्तक का विमोचन भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् के सदस्य सचिव प्रो. रजनीश शुक्ल, भारतीय इतिहास के विशेषज्ञ प्रो. मख्खन सिंह एवं सुप्रसिद्ध इतिहासकार प्रो. कपिल कुमार ने किया। इस अवसर पर लेखक लोकेन्द्र सिंह एवं अर्चना प्रकाशन के प्रमुख ओमप्रकाश गुप्ता भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सौरभ मालवीय ने किया।
लेखक लोकेन्द्र सिंह ने बताया कि इस पुस्तक में पिछले तीन वर्ष के दौरान देश को बदनाम करने के जितने भी प्रयास हुए,उनके विरुद्ध यथासंभव आवाज उठाने का प्रयास किया गया है। लेखक ने अवार्ड वापसी अभियान, असहिष्णुता की मुहिम, मॉब लिंचिंग, नॉट इन माय नेम और अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर रचे गए बनावटी आंदोलनों की कलई खोलने का प्रयास किया है। लेखक ने बताने का प्रयास किया है कि एक ही जैसी घटनाओं पर तथाकथित बुद्धिजीवी किस प्रकार दोहरा आचरण करते हैं। अपने आंदोलन एवं प्रपंच के लिए वह उन्हीं घटनाओं को चुनते हैं, जो उनके एजेंडे को पुष्ट करती हैं। यह पुस्तक अवार्ड वापसी से लेकर गौरी लंकेश तक जो नाटक भारतीयता को बदनाम करने के लिए रचे गए, उन सबकी सच्चाई को बयान करती है। इसके साथ ही विश्व पुस्तक मेले में अर्चना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रो. ओमप्रकाश सिंह की पुस्तक ‘आदि पत्रकार नारद का संचारदर्शन’ का विमोचन भी किया गया।