सेहत के लिए ब्रिटेन से समझोता करेगा हरियाणा

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हरियाणा,
हरियाणा स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तथा सुविधाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के दृष्टिगत चिकित्सा के विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर सहयोग को लेकर ब्रिटेन के साथ समझौता करेगा, जिसमें चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली, प्रत्यारोपण तथा प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान का हस्तांतरण सहयोग के प्रमुख क्षेत्र है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री राव नरेन्द्र सिंह ने आज यहां ब्रिटिश उप उच्चायोग के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ ‘भारत-ब्रिटेन स्वास्थ्य देखभाल सहयोग’ विषय पर आयोजित एक बैठक में हिस्सा लेने उपरांत दी। इस अवसर पर चंडीगढ़ में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त श्री डेविड लिलियोट तथा यूकेआईएचसीसी के निदेशक डॉ अजय राजन गुप्ता के अलावा ब्रिटेन के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों के विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।  राव नरेन्द्र सिंह ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य ब्रिटेन एवं हरियाणा के बीच चिकित्सा क्षेत्र में आपसी सहयोग की संभावनाओं का पता लगाना तथा उन विषयों पर आपसी सहमति बनाना है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से ब्रिटेन के साथ यह अपनी तरह की पहली शुरूआत है, जिसमें चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों की कार्य कुशलता को बढ़ाने, लंदन एम्बुलेंस सेवा की तर्ज पर राज्य में एम्बुलेंस सेवा को दुरुस्त बनाने, ई-हेल्थ तथा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने उम्मीद जताई कि जल्द ही दोनों पक्षों के बीच परस्पर सहयोग के मुद्दों आपसी सहमति बन जायेगी, जिसके उपरांत समझौते की रूपरेखा तैयार की जायेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की सोच है कि प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों और कोई भी व्यक्ति पैसे के अभाव में स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रहे। हरियाणा ने स्वास्थ्य सेवाओं एवं योजनाओं को क्रियान्वित करने में हमेशा पहल की है। राव नरेन्द्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री हुड्डा द्वारा 10 नवम्बर को गोहाना में ‘मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना’ की शुरूआत की गई है, जो देश में अपनी तरह की अनूठी योजना है। इस योजना का उद्देश्य आम आदमी द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं पर किये जाने वाले खर्च के बोझ से राहत देने के साथ-साथ बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कालेजों तथा अस्पतालों में 600 प्रकार की मुफ्त दवाईयां एवं मुफ्त मेडिकल टेस्ट की सुविधा प्रदान की जायेगी। राज्य सरकार द्वारा चलाया जा रहा ‘सर्जरी पैकेज कार्यक्रम’ तथा हरियाणा स्वास्थ्य वाहन सेवा नम्बर-102 भी इसी योजना का हिस्सा होंगे। ब्रिटिश उप उच्चायुक्त श्री डेविड लिलियोट ने कहा कि विश्व की 40 प्रतिशत चिकित्सा खोज का श्रेय ब्रिटेन को जाता है। ब्रिटेन द्वारा सकल घरेलू उत्पाद का 9.3 प्रतिशत हिस्सा चिकित्सा खर्च किया जाता है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच चिकित्सा क्षेत्र में आदान-प्रदान लाभकारी होगा। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन द्वारा आयातित कुल फार्मासुटिकल उत्पादों का 25 प्रतिशत भारत की कंपनियों द्वारा किया जाता है। श्री लिलियोट ने कहा कि इससे पूर्व वे हरियाणा के साथ विभिन्न मुद्दों पर सहयोग को लेकर मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से भी चर्चा कर चुके है, जोकि स्वास्थ्य क्षेत्र में गुणवत्ता लाने को लेकर काफी सजग है। बैठक में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के प्रधान सचिव श्री शिवरमन गौड़ ने कहा कि ब्रिटेन में चिकित्सा एवं नर्सिंग शिक्षा काफी बेहतर है और यह एक क्षेत्र है, जहां दोनों पक्ष सहयोग कर सकते है। उन्होंने नर्सिंग यूनिवर्सिटी आफ लंदन के साथ नर्सिंग टे्रनिंग में सहयोग संभावनाओं पर भी विचार करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सस्ती दरों पर प्रत्यारोपण दोनों पक्षों के लिए एक चुनौती है, जिस पर मिलकर कार्य किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती नवराज संधू ने कहा कि दोनों पक्षों में परस्पर सहयोग की काफी संभावनाएं है और कई ऐसे क्षेत्र है, जहां दोनों पक्ष आपस में काफी कुछ सीख सकते है, जिसके लिए आगे भी चर्चा का दौर जारी रहना चाहिए।   बैठक को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ राकेश गुप्ता तथा महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ एन के अरोड़ा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर ब्रिटेन के चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा ब्रिटेन में चिकित्सा सुविधाओं को लेकर अपनी प्रस्तुतियां दी।

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